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मरीज की जान ज्यादा जरुरी है
ब्लैक फंगस के इलाज में जुटे एक चिकित्सक का पूरा परिवार कोविड संक्रमित है। पिता अस्पताल में भर्ती हैं तो पत्नी और दो बच्चे घर पर, लेकिन ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज का दवाब ऐसा कि चाह कर भी घर नहीं जा सकते। वे बताते हैं कि पिछले एक साल से ज्यादा समय से बिना रुके बिना थके और बिना छुट्टी लिए काम कर रहे हैं।
सुबह से लेकर आधी रात तक खड़े रहे
हमीदिया अस्पताल में कोरोना वार्ड में लगातार ड्यूटी कर रहे नाक, कान, गला विशेषज्ञ डॉ. यशवीर कहते हैं कि यह टीम वर्क है। हम सुबह से रात 12 बजे तक लगातार ऑपरेशन कर रहे हैं। भूख लगी तो ओटी के बाहर खाना खाते हैं, वहीं सोफे पर 10 मिनट नींद निकाल लेते हैं।
हम तो रात में घर लौट आते हैं, जबकि जूनियर डॉक्टर तो पूरी रात एक-एक मिनट सजग रहते हैं। गंभीर मरीजों के भर्ती होने से हमारी जरा सी अनदेखी घातक हो सकती है। वह कहते हैं कि ड्यूटी के दौरान हमें न तो कभी परेशानी महसूस होती है न थकते हैं, क्योंकि सब पर बीमारी को शिकस्त देने का जुनून है।