स्मार्ट सिटी अस्पताल के मुताबिक गौतम को हार्ट अटैक के सामान्य लक्षण (सीने में दर्द या घबराहट) नहीं थे। अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. अभय त्यागी ने बताया कि गौतम के दोनों पैरो में तेज दर्द हो रहा था। उनकी सीटी एंजियों जांच से पता चला कि पैर और पेट से हार्ट की ओर जाने वाली नस में बहुत ज्यादा ब्लॉकेज था। इसके चलते हार्ट अटैक की दिक्कत हुई। इस तरह के हार्ट अटैक काफी विरले होते हैं।
प्रोसेस्ड फू ड यानी डिब्बाबंद खाना है बेहद हानिकारक, इस्तेमाल बंद करें
चायनीज फूड का सेवन कम करें
साग-सब्जियों का प्रयोग ज्यादा करें
रोजाना 35 मिनट व्यायाम जरूरी
ध्यान रखें वजन बढऩा खतरनाक है
अच्छी नींद लें, तनाव को कम करें
एलएन मेडिकल कॉलेज के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. विवेक त्रिपाठी बताते हैं कि उनके पास आ रहे हार्ट अटैक के मरीजों में 10 प्रतिशत मरीजों की उम्र 30 से 40 साल होती है। उनका कहना है कि यदि दर्द जबड़े से नाभि तक (हाथों समेत) 15 मिनट से अधिक होता रहे तो यह हल्के हार्ट अटैक या हृदय रोग का लक्षण है। खुद निर्णय न करने लगें कि यह हार्ट अटैक का दर्द है या एसिडिटी का, बल्कि डॉक्टर को दिखाएं।
यदि दिल को दुरस्त रखना है तो तनाव कम करें। साथ ही बदलती जीवनशैली और बिगड़ा खानपान भी युवाओं को दिल का रोगी बना रहा है। युवाओं की जीवनशैली बदल चुकी है, जो उन्हें हृदय रोगों की ओर ढकेल रही है। काम का तनाव और खानपान की बिगड़ी हुई आदतें उन्हें इस रोग की चपेट में ले जा रही हैं।