वीडियो तो चार मिनट से ज्यादा की है। लेकिन पूरी घटना 1:30 मिनट के वीडियो में कैद है। आप वीडियो में देख सकते हैं कि कैसे डेढ़ मिनट के अंदर सबकुछ खत्म हो गया है। गणपति विसर्जन के लिए घटलापुरा तालाब में लोग पहुंचते हैं। दो नावों पर सवार होकर 19 लोग तालाब में जाते हैं। विसर्जन स्थल पर लोग जैसे ही पहुंचते हैं और गणपति की प्रतिमा को विसर्जित करने के लिए जैसे ही उसे झुकाते हैं, नाव अनबैलेंस हो जाता है।
गणपति की प्रतिमा झील में गिरती है और नाव पर सवार लोग एक-एक कर झील में गिरने लगते हैं। भारी बारिश की वजह से झील में पानी काफी था। जैसे ही लोग पानी में गिरते हैं, चिल्लाना शुरू कर देते हैं। सभी लोग चिल्ला रहे हैं, जल्दी आ जाओ भाई। यही आखिरी चीख लोग होती है लेकिन मदद के लिए कोई नहीं पहुंचता है। इस वीडियो को देख साफ लगता है कि प्रशासन ने लापरवाही बरती है।
ये हादसा तब हुआ है, जब भोपाल प्रशासन और सरकार की तरफ से पुख्ता दावे किए गए थे कि विसर्जन की तैयारी पूरी कर ली गई है। विसर्जन स्थल पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। लेकिन सवाल है कि इतने लोग पानी में बिना लाइफ जैकेट के विसर्जन के लिए कैसे गए। क्यों नहीं समय रहते एसडीआरएफ की टीम वहां पहुंची। कैसे इतनी बड़ी प्रतिमा झील में अंधेरे में ले जाने दिया गया।
दोषियों पर मामला दर्ज
नाव हादसे में फरियादी निर्मल कुमार दास पिता दिलीप कुमार दास निवासी 1100 क्वाटर पिपलानी की रिपोर्ट पर नाव चलाने वाले (नाविक)आकाश बाथम एवं चंगु बाथम के विरुद्ध थाना जहांगीराबाद में अपराध क्रमांक 1033/19 धारा 304(A) भादवि० का पंजीबद्ध किया गया है।
नाव हादसे में फरियादी निर्मल कुमार दास पिता दिलीप कुमार दास निवासी 1100 क्वाटर पिपलानी की रिपोर्ट पर नाव चलाने वाले (नाविक)आकाश बाथम एवं चंगु बाथम के विरुद्ध थाना जहांगीराबाद में अपराध क्रमांक 1033/19 धारा 304(A) भादवि० का पंजीबद्ध किया गया है।
वहीं, इस मामले में सीएम कमलनाथ ने जांच के आदेश दिए हैं। सीएम ने पहले चार लाख रुपये मुआवजा का ऐलान किया था। कुछ घंटे बाद फिर से सीएम कमलनाथ ने मृतक के परिजनों को ग्यारह लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है। अब देखना है कि जांच रिपोर्ट कब तक आती है और दोषियों पर कार्रवाई क्या होती है।