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अब हड्डियों के लिए भी बनेगा बैंक, एम्स में चल रही तैयारी

locationभोपालPublished: Jan 22, 2019 01:06:18 pm

– दिव्यांग व्यक्तियों को मिल सकता है सहारा, विशेषज्ञों ने कहा इसके लिए काफी तैयारी की जरूरत

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अब हड्डियों के लिए भी बनेगा बैंक, एम्स में चल रही तैयारी

भोपाल। कई ऐसे लोग जो हड्डियों में विकार के चलते परेशान हैं उन्हें सहारा मिल सकता है। इसके लिए जल्द ही अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान (एम्स) भोपाल सहित देश के तमाम एम्स में बोन बैंक स्थापित किए जाएंगे। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं। हालांकि विशेषज्ञों ने इसके लिए बहुत तैयारी की जरूरत बताई है। अब तक अंगदान के तो कई मामले आए लेकिन हड्डियों का दान भी कई लोगों की राह आसान कर सकता है।
एक व्यक्ति की हड्डियां बीस लोगों के काम आ सकती हैं। देश में अब तक इस तरह का केवल एक बैंक है जो दिल्ली में है। राजधानी में इस तरह का दूसरा बैंक बनाने की तैयारी चल रही है। डॉक्टर्स का कहना है कि हड्डियों के दानदाता बेहद कम हैं। बोन डोनेशन को लेकर लोगों में अंधविश्वास और गलत धारणाएं हैं। डोनेशन में शव से कमर के नीचे हिप, पेल्विस, थाई और नी कैप सहित 10 बोन निकाली जाती हैं।
हड्डी निकालने के बाद लकड़ी की रॉड से ठीक कर स्पेशल कॉटन भर दी जाती है। इसके बाद इस तरह से टांके लगाए जाते हैं कहीं से यह पता नहीं चलता है कि बॉडी से बोन निकाली गई है। राजधानी में होगा ये देश का दूसरा बैंक अगर ये बैंक बना तो देश का दूसरा बैंक होगा। देश का इकलौता बोन बैंक 1999 दिल्ली एम्स में शुरू हुआ था। हालांकि उसमें अब तक केवल 34 लोगों ने बोन डोनेट की हैं।
साल 2001 में पहली बार बोन डोनेट किया गया था। काफी काम करने की जरूरत मामले में नोट्टो के पूर्व डायरेक्टर डॉक्टर विमल भंडारी ने बताया, बोन बैंक बनाना बहुत जटिल काम है। इसमें बहुत बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत होती है। अगर यह कवायद हो रही है तो इसे स्थापित होने में भी बहुत समय लगेगा। डोनेट बोन को माइनस 80 डिग्री पर डीप फ्रीजर में रखा जाता है। हड्डियां 5 साल तक संरक्षित रह सकती हैं।

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