– अभी सूचियां हैं अधूरी
किसानों को बोनस बांटने को लेकर सरकार की तैयारी भी अधूरी है। अधिकतर जिलों के किसानों की सूचियां अधूरी हैं। उस पर जिलों से डिमांड भी पूरी नहीं आ सकी है। अभी कृषि विभाग ने 1450 करोड़ बांटने का प्रस्ताव बनाया है, लेकिन इसमें महज 900 करोड़ रुपए बांटने के लिए सूचियां तैयार हैं। बाकी सूची बनाने में काफी समय लगना है।
– भाजपा ने नहीं किया था ऐलान
पिछले विधानसभा चुनाव के ठीक पहले तत्कालीन भाजपा सरकार ने भी गेहंू का बोनस देने का ऐलान करने का प्रस्ताव तैयार किया था। लेकिन, खस्ताहाल होते खजाने के कारण सरकार इसका ऐलान नहीं कर सकी। तब, अगले वित्तीय सत्र के लिए गेहूं के बोनस का ऐलान होना था। लेकिन, पिछली सरकार ने ऐसा नहीं किया। जबकि, कांग्रेस ने इसे अपने वचन-पत्र में शामिल रखा था।
– केंद्र के इनकार के बाद बदले हालात
दो साल पहले केंद्र सरकार ने गेहंू पर बोनस देने से इनकार कर दिया था। उससे पहले केंद्र सरकार गेहूं के समर्थन मूल्य के लिए अपने हिस्से से राशि देती थी। केंद्र के इनकार के बाद प्रदेश की पिछली भाजपा सरकार ने बोनस राज्य मद से बांटा था। इस कारण राज्य पर इसका सीधा बोझ पडऩे लगा।
सरकार हर वचन पूरा करेगी। इसमें कोई आर्थिक दिक्कत नहीं है। पिछली सरकार खजाना खाली करके गई है। केंद्र सरकार भी आर्थिक मदद नहीं कर रही है। लेकिन, राज्य अपने स्तर पर बोनस की व्यवस्था करेगा।
– तरुण भनोत, वित्त मंत्री
किसानों को गेहूं का बोनस दिया जाना है। इसका प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा गया है। वहां से मंजूरी के बाद इस पर अमल किया जाएगा।
– अजीत केसरी, प्रमुख सचिव, कृषि विभाग