70 हजार से अधिक की नई किताबें
500 से अधिक किताबें तो आ गईं, लेकिन जरूरत पूरी नहीं हुई। इसके लिए प्रीत मिलन सामाजिक संस्था आगे आई। जेइइ मेन्स, नीट, सीपीटी की तैयारी के लिए एनसीआरटी के 40 से ज्यादा कॉम्पैक्ट पैक दिए। इनमें 70 हजार रुपए से ज्यादा की 120 किताबें हैं। प्राचार्य पाराशर का कहना है, अन्य संस्था भी मदद को तैयार है। इस तरह दो लाख रुपए तक की किताबें उपलब्ध हो जाएंगी।
सुपर 100 इसलिए नहीं कर पाए टॉप
सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय की डेढ़ दशक पुरानी लाइब्रेरी में प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबें नहीं थीं। सुपर 100 के पिछले बैच को इस वजह से प्रतियोगी परीक्षाओं में उतनी सफलता नहीं मिली। स्कूल के अलावा सुपर 100 के विद्यार्थियों की सुविधा के लिए लाइब्रेरी में किताबों की बड़ी कमी सामने आ रही थी।
किताबें जुटाने की कवायद जारी
प्रिंसिपल सुधाकर पाराशर ने समाज के सहयोग से लाइब्रेरी संवारने की ठानी। अध्यापकों को साथ चिंतन में टीटी नगर में चलने वाली विवेकानंद लाइब्रेरी में प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबें होने का पता चला। बात करने पर लाइब्रेरी प्रबंधन विद्यार्थियों के लिए 500 से अधिक किताबें देने के लिए सहमत हो गया।
अलग से बनाया डोनेट बुक्स रजिस्टर
सामाजिक सहयोग से प्राप्त किताबों के लिए अलग से डोनेट बुक्स रजिस्टर है। इसमें अब तक 600 से अधिक किताबों की एंट्री हो चुकी है। सितंबर अंत तक एक हजार किताबें और मिल जाएंगी।