नकली सामान की मंडी बना शहर
त्योहार के मौके पर शहर के इलेक्ट्रॉनिक मार्केट में नकली सामान बेचने का चलन तेजी से बढ़ रहा है। दिल्ली एवं दूसरे शहरों से लोकल माल लाने के साथ ही स्थानीय इलेक्ट्रीशियन द्वारा तैयार सामग्री ब्रांडेड कंपनियों के नाम पर बेचने के मामले सामने आने लगे हैं। ब्रांडेड कंपनियों ने भोपाल पुलिस को इसकी सूचना दी है कि नकली होलोग्राम एवं मोनो बनाकर उनके इलेक्ट्रॉनिक आइटम के डुप्लीकेट मार्केट में बेचे जा रहे हैं। ऐसी ही एक सूचना पर हनुमानगंज पुलिस ने रहमत मार्केट स्थित इलेक्ट्रॉनिक आइटम रखने वाले व्यापारियों के गोदामों पर छापा मारा। इस दौरान आधा दर्जन से अधिक व्यापारियों के गोदाम में ब्रांडेड कंपनियों की नकली एसेसरीज बरामद हुई हैं।
हनुमानगंज थाना प्रभारी महेंद्र ठाकुर ने बताया कि इस मामले में ब्रांडेड कंपनी एपल के प्रतिनिधि विशाल सिंह जडेजा ने प्रकरण दर्ज कराया है एवं नकली सामान बेचने के आरोप में रोहित गुप्ता, धीरज यादव, नवीन कुमार एवं शाहरुख खान के खिलाफ 420 का मामला दर्ज किया गया है।
इस तरह बिक रहे नकली माल व कीमत
5 हजार कीमत वाला ब्रांडेड हेडफोन की नकल-200 से 1000 रुपए में उपलब्ध
3 हजार वाले ब्रांडेड ईयरपीस की नकल-700 से 1200 रुपए में
8 हजार रुपए वाले सनग्लासेस- 800 रुपए में उपलब्ध हैं।
1 से 2 हजार वाले ब्रांडेड मोबाइल कवर- महज 200 से 300 रुपए में उपलब्ध
6 हजार रुपए के ब्रांडेड जींस एवं शर्ट पेयर- 1800 रुपए
में जोड़ी।
1200 रुपए का ब्रांडेड लेटर पर्स- महज 500 रुपए में उपलब्ध हैं।
5 से 10 हजार रुपए के ब्रांडेड जूते- 1800 से 2200 रुपए में उपलब्ध हैं।
डुप्लीकेट कॉपी बोलकर बेचा
पकड़े गए व्यापारियों ने पुलिस के सामने दलील दी है कि उन्होंने ब्रांडेड कंपनी काडुप्लीकेट माल नहीं बेचा बल्कि मिलती-जुलती शक्ल की फोटो कॉपी जैसा सामान उनकी दुकान से बरामद हुआ है। दुकानदारों ने अपने पक्ष में तर्क दिया है कि वह अपने ग्राहकों को हमेशा सेकंड कॉपी बोलकर ही माल बेचते थे,उन्होंने कभी भी ब्रांडेड कंपनी की फस्र्ट कॉपी का माल अपनी दुकान से नहीं बेचा है। इस मामले में पुलिस का स्पष्ट कहना है कि किसी भी ब्रांडेड कंपनी से मिलता-जुलता सामान कॉपी बोलकर नहीं बेचा जा सकता।
पकड़े गए व्यापारियों ने पुलिस के सामने दलील दी है कि उन्होंने ब्रांडेड कंपनी काडुप्लीकेट माल नहीं बेचा बल्कि मिलती-जुलती शक्ल की फोटो कॉपी जैसा सामान उनकी दुकान से बरामद हुआ है। दुकानदारों ने अपने पक्ष में तर्क दिया है कि वह अपने ग्राहकों को हमेशा सेकंड कॉपी बोलकर ही माल बेचते थे,उन्होंने कभी भी ब्रांडेड कंपनी की फस्र्ट कॉपी का माल अपनी दुकान से नहीं बेचा है। इस मामले में पुलिस का स्पष्ट कहना है कि किसी भी ब्रांडेड कंपनी से मिलता-जुलता सामान कॉपी बोलकर नहीं बेचा जा सकता।