ऐसे ही हालात वार्ड-30 स्थित कलियासोत डैम के हैं। यहां 8 करोड़ की लागत से डैम के आसपास सौंदर्यीकरण का काम प्रस्तावित था। शहर की सबसे स्व‘छ और प्राइम लोकेशन में गिना जाने वाले कलियासोत डैम का नाम जेहन में आते ही, लोग घरों से यहां प्राकृतिक सौंदर्यता का लुत्फ लेने पहुंच जाते हैं।
यहां पर बढ़ रही सैलानियों की संख्या को देखते हुए करीब दो वर्ष पहले जिला प्रशासन द्वारा बीडीए समेत विभिन्न एजेंसियों को 8 करोड़ की लागत से सौंदर्यीकरण करना तय किया गया था, लेकिन काम शुरू किए जाने के कुछ माह बाद ही जि मेदार यहां आधा-अधूरा काम छोडक़र चलते बने।
…फर्शी बिछाकर भूले जिम्मेदार
कलियासोत डैम में सुबह होते ही लोगों को मार्निंग वॉक, योग आदि करते देखा जाता है। साथ ही यहां दिन भर सैलानियों की आवाजाही बनी रहने के कारण प्रशासन द्वारा यहां सौंदर्यीकरण करने का निर्णय लिया, जिसके लिए आठ करोड़ रूपए का टेंडर जारी करने के बाद, जिम्मेदारों द्वारा 400 मीटर बाउंड्रीवाल और 200 मीटर ग्रेनाइट फर्शियां बिछाकर इतिश्री कर ली गई।
करीब 2 वर्ष पहले जिला प्रशासन द्वारा कलियासोत डैम के सौंदर्यीकरण की स्वीकृति देने के बाद, बीडीए, नगर निगम समेत चार एजेंसियों को निर्माण कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गई। बीडीए अध्यक्ष ओम यादव का कहना है कि हमारे विभाग को 2 करोड़ की लागत से डैम में सौंदर्यीकरण का काम करना था, जिसे पूरा कर दिया है शेष काम अन्य विभागों को करना है।
सुरक्षा के इंतजाम नहीं :
शहर में हो रही तेज बारिश के बावजूद डैम पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। यहां आने वाले सैलानी पानी के नजदीक जाते हुए आसानी से देखे जा सकते हैं।
कलियासोत डैम को 8 करोड़ की लागत से सौंदर्यीकरण अलग अलग विभाग को करना था ,लेकिन विभागों ने पूरा काम क्यों नहीं किया इसकी जानकारी मुझे नहीें है। कुछ काम बीडीए ने करवाया है शेष विभागों ने काम क्यों नहीं किया इस बारे में विभागों को पत्र भेजकर जानकारी ली जाएगी।
आरके जैन, एसडीओ, जलसंसाधन विभाग