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एक ओर डिजिटल एजुकेशन को बढ़ावा तो दूसरी ओर करोड़ों के कम्प्यूटर कबाड़

locationभोपालPublished: Sep 22, 2020 12:58:06 am

. हेडस्टार्ट केन्द्रों में अपडेटेड सामान . राजधानी में 65 केन्द्र, इनमें से नब्बे फीसदी पड़े हैं बंद

एक ओर डिजिटल एजुकेशन को बढ़ावा तो दूसरी ओर करोड़ों के कम्प्यूटर कबाड़

एक ओर डिजिटल एजुकेशन को बढ़ावा तो दूसरी ओर करोड़ों के कम्प्यूटर कबाड़

भोपाल. कोरोनाकाल में स्कूल न लगने के कारण विभाग एक ओर जहां डिजिटल एजुकेशन को बढ़ावा दे रहा है तो वहीं दूसरी ओर करोड़ों रुपए की लागत से पहले जिन कम्प्यूटर की खरीदी हुई थी वह बर्बाद हो गए। शहर में पांच दर्जन हेड स्टार्ट केन्द्रों में नब्बे फीसदी बंद हैं। कोविड के चलते ऑनलाइन एजुकेशन को प्रमोट करने स्कूल खुलने के बाद फिर से नए कम्प्यूटर की जरूरत होगी।
करीब 15 साल पहले ये योजना शुरू हुई थी। हेड स्टार्ट केंद्रों की योजना के जरिए शासकीय स्कूलों के कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को कम्प्यूटर शिक्षा देना है। जिले में दस केन्द्रों के अलावा स्कूलों में कम्प्यूटर लगाए गए। इस पर करोड़ों रुपए फूंके जा चुके हैं। राजधानी में पांच दर्जन केन्द्र खोले तो गए लेकिन इनका मेटनेंस न हो पाने के कारण ये लंबे समय से बंद पड़े हैं।
इन्हीं के सहारे स्मार्ट क्लास की योजना

निजी स्कूलों की तरह सरकारी में भी स्मार्ट क्लासेस की शुरुआत हुई थी। इसमें इन्हीं कम्प्यूटर के सहारे बच्चों को शिक्षा दी जाती थी। छह माह से स्कूल बंद हैं। बच्चों को शिक्षित करने के लिए ऑनलाइन क्लासेस चल रही है। शिक्षकों के मुताबिक जो संसाधन मुहैया उसमें काम करेंगे। इसमें सुधार की मांग की जा रही है।
फैक्ट फाइल
65 – हेडस्टार्ट केन्द्र कागजों पर
2003 – में शुरू हुई थी ये योजना
90 – फीसदी केन्द्र पड़े हैं बंद

हेडस्टार्ट केन्द्रों पर कई कम्प्यूटर अपडेट नहीं हैं। पुराने हो चुके कम्प्यूटर को बदलने की योजना है। इसके अलावा इन्हें अपडेट भी किया जाना है। इस मामले में जो भी निर्देश होंगे उसके आधार पर काम किया जाएगा।
नितिन सक्सेना, जिला शिक्षा अधिकारी

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