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त्योहार से पहले बहुओं का बड़ा कदम, इस बार मायके में ही मनाएंगी दिवाली

locationभोपालPublished: Oct 11, 2017 03:49:32 pm

Submitted by:

Manish Gite

मध्यप्रदेश में खुले में शौच और टॉयलेट नहीं होने पर बहु-बेटी के विरोध की खबरें अक्सर आती हैं, लेकिन शहडोल से आ रही बहुओं की बगावत की खबर से सभी हैरान

NO Toilet, No Diwali

 

शहडोल। मध्यप्रदेश में टॉयलेट नहीं होने और खुले में शौच के विरोध की खबरें अक्सर आती हैं, लेकिन शहडोल से आ रही बहुओं की बगावत की खबर ने सभी को हैरान कर दिया है। इस बार टॉयलेट नहीं होने से परेशान बहुओं ने अपने ससुराल पक्ष के खिलाफ ही अभियान छेड़ दिया है। घर की लक्ष्मी माने जाने वाली इन बहुओं का कहना है कि पहले ससुराल में शौचालय बनवाओ, नहीं तो इस बार की दीपावली मायके में ही मनाएंगे।

शहडोल जिले के बिजहा गांव की अनेक बहुओं ने बड़ा ही रोचक आंदोलन छेड़ा है, कुछ बहुओं ने मायके के लिए बोरिया-बिस्तर समेट लिया है तो कुछ जाने की तैयारी में है। एक-एक करके महिलाओं का यह अभियान रंग लाने लगा है। सभी महिलाएं अक्षय कुमार की फिल्म टॉयलेट एक प्रेम कथा से प्रेरित हैं।

 

जनप्रतिनिधियों को लिखा पत्र
इस गांव की महिलाओं ने अपने ससुराल के लोगों को तो चेतावनी दी है, साथ ही जनप्रतिनिधियों को पत्र भी लिखा है। अब तक करीब डेढ़ दर्जन महिलाएं अपना गांव छोड़कर मायके जाने को तैयार बैठी हैं। इस पत्र में भी महिलाओं ने स्पष्ट लिख दिया है कि यदि शौचालय नहीं बनवाया गया तो वे मायके चली जाएंगी।

 

एक बहू ने जगाई प्रेरणा
बिजहा गांव की ही एक बहू ने शौचालय बनवाने के लिए गांव की अन्य बेटी-बहुओं को प्रेरित किया। सिंगरौली जिले की स्वाति की शादी चार माह पहले ही बिजहा के शिवशंकर सोनी से हुई थी। जब ससुराल में शौचालय नहीं होने से उसे बेहद शर्मिंदगी हुई। शुरू में तो उसने पति समेत ससुराल के लोगों से शौचालय बनवाने के लिए काफी आग्रह किया। लेकिन, ससुराल में शुरू से चली आ रही खुले में शौच जाने की परंपरा को उसने बदलने की ठान ली। स्वाति ने गांव की ही जिला पंचायत सदस्य कृष्णा पटेल को पत्र लिखकर शौचालय नहीं होने से अपनी निजता के अधिकार का हवाला दिया। उसने अपने मायके वालों को भी यह समस्या बता दी। स्वाति ने बेबाकी से अपने ससुराल के लोगों के खिलाफ बोलने लगी कि यदि मुझे मालूम चलता कि ससुराल में शौचालय ही नहीं है तो मैं यहां शादी नहीं करती। स्वाति की बेबाकी सुनकर गांव की अन्य बहुएं भी जुटने लगी। स्वाति के कारण अब अन्य बहुएं भी निजता के अधिकार पर बात करने लगी है और खुलकर ससुराल वालों से शौचालय निर्माण की मांग करने लगी है।

 

स्वाति का नारा रंग लाया
स्वाति का यह नारा कि शौचालय नहीं तो मायके में मनाएंगे दिवाली रंग लाया। और गांव की अन्य बहुओं ने भी जुटना शुरू कर दिया। अब कई घरों से आवाज उठने लगी। बहुएं जनप्रतिनिधियों और अफसरों को शौचालय निर्माण के लिए मांग करने लगी। अब गांव की हर बहुओं की जुबान पर यही नारा है।

 

इधर, जिला पंचायत की सदस्य कृष्णा पटेल ने इस बारे में बताया कि कई महिलाओं के पत्र शौचालय निर्माण के लिए आए हैं और उन्होंने पत्र में इस बात का भी जिक्र किया है कि शौचालय नहीं होने के कारण इस बार वे दिवाली अपने मायके में मनाएंगी। कुछ महिलाएं तो मायके भी चली गई हैं।

 

जागरूक हो रही हैं महिलाएं
-अपने निजता के अधिकारों के प्रति बहुएं अब दबी जुबान में भी नहीं बोल रही हैं। वे बेबाकी के साथ खुलकर इस विषय पर बोल रही हैं। उनका कहना है कि अब घर की बेटियां भी बड़ी हो रही हैं, ऐसे में हमें तो हम शौचालय चाहिए।

 

अब ससुराल वालों को आई समझ
प्रदेश में शौचालय के लिए बहुओं के एकजुट होने का यह अनोखा मामला है। बहुएं अब भी ससुराल में टॉयलेट बनवाने की बात पर अड़ी हुई हैं। उनका यही कहना है कि यदि दिवाली से पहले शौचालय नहीं बना तो वे मायके में ही त्योहार मनाएंगी। बहुओं की एक जुटता देख गांव में इस बात की दहशत बन गई है कि कहीं पूरा गांव ही खाली न हो जाएं। परेशान ससुराल वालों ने भी अब शौचालय निर्माण के लिए सलाह-मशविरा शुरू कर दिया है। कुछ पतियों ने ताबड़-तोड़ शौचालय निर्माण करवाना शुरू कर दिया है।

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