नीमघान जंगल में पुलिया निर्माण कार्य में लगे 18 साल के संजू पर तेंदुए ने हमला कर दिया था। ग्रामीण उसे भोपाल एम्स लेकर आए थे। ट्रॉमा एंड इमरजेंसी की टीम ने मरीज की जान बचाने की तैयारी की। प्लास्टिक सर्जन डॉ. राहुल दुबेपुरिया व उनकी टीम ने करीब 6 घंटे कड़ी मशक्कत कर युवक का सफल ऑपरेशन किया।
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बेहद गंभीर था मरीज, जान का था खतरा
डॉ. दुबेपुरिया ने बताया कि, मरीज की नाक का हिस्सा पूरी तरह टूट गया था, जिसके चलते उससे सांस नहीं ली जा रही थी। चिकित्सकों के लिए ये भी बड़ी चुनौती थी कि, उनकी एक जरा सी चूक और य़ुवक की जान जा सकती थी। इसके अलावा, तेंदुए के हमले से युवक का भारी मात्रा में खून भी बह चुका था। ऐसे में जान जाने का खतरा बेहद ज्यादा था। घायल का मुंह पूरी तरह नहीं खुल रहा था। इसलिए ब्रोंकोस्कोपिक तकनीक से उसे कृत्रिम सांस दी गई। उसके चेहरे की फ्रैक्चर हुई हड्डियों को करीब 10 मिनिप्लेट्स से जोड़ा गया। आंखों को भी सही जगह किया गया।
इन्होंने किया ऑपरेशन
ऑपरेशन करीब 6 घंटे तक चला। इसमें प्लास्टिक सर्जरी विभाग से डॉ. दीपक कृष्णा एवं उनकी टीम और एनेस्थीसिया विभाग से डॉक्टर वैशाली, डॉ. आशुतोष कौशल एवं उनकी टीम के डॉक्टर शामिल थे। प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. मनाल मोहम्मद खान ने बताया कि, इस तरह के चेहरे की हड्डियों के ऑपरेशन काफी जटिल होते हैं।
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