11 साल में आरोपी सुरेन्द्र के फरारी के बाद से अब तक एक दर्जन टीआई बदल गए, लेकिन कोई थाना प्रभारी आरोपी तक नहीं पहुंच सका। वर्तमान थाना प्रभारी सुदेश तिवारी को जांच में उसके गांव से कुछ जानकारी मिली। तिवारी ने मुखबिर को सक्रिय किया व उसके बारे में अन्य जानकारियां जुटाईं और आखिरकार उसे धर दबोचा। बताया जा रहा है कि सुरेन्द्र पर उसके जीजा की हत्या करने का भी संदेह है। जीजा की मौत स्लो पॉइजन और नशे के ओवरडोज से हुई थी। उस मामले में पुलिस नए सिरे से जांच का दावा कर रही है।
बीमा राशि हड़पने के लिए कर दी थी हत्या
टीआई सुदेश तिवारी ने बताया कि 24 फरवरी 2008 को आरोपी सुरेन्द्र ने सगी बहन किरण के सिर पर हथौड़ा मारकर हत्या कर दी थी। तब वह बहन किरण के साथ पुरुषोत्तम कॉलोनी सेमरा में किराए से रहता था। हत्या करने के पीछे की वजह यह थी कि उसके जीजा ने कुछ बीमा पॉलिसी कराई थीं। जीजा की मौत के बाद वह बहन किरण पर उन बीमा पॉलिसी को हड़पने के लिए दबाव बनाने लगा था।
उनके बीच आए दिन विवाद होता था। 24 फरवरी 2008 की रात आठ बजे इसी बात को लेकर दोनों के बीच कहासुनी हुई, तो उसने हथौड़ा मारकर बहन की हत्या कर दी। लाश को ठिकाने लगाने के लिए एक संदूक में रखकर ले जाने लगा। संदूक से खून टपकने पर मकान-मालिक को संदेह हुआ। मकान-मालिक के पूछने पर आरोपी सुरेन्द्र संदूक को वहीं छोडकऱ भाग गया, तब से वह फरार था।