गौरतलब है कि 32 साल की नमिता दीक्षित के माता पिता का अचानक देहांत होने के बाद उसकी मानसिक स्थिति खराब हो गई। जिसके बाद परिवार वालों ने उससे नाता तोड़ लिया। बहन अपने ससुराल चली गईं और भाई ने उसे घर में रखने से मना कर दिया। मामा-मामी भी उसे अपनाने से मना कर रहे हैं। ऐसे में वह सात महीने से वह निर्भया महिला आश्रम में रहने को मजबूर है। राखी की याद आते ही जब वह अपने भाई के पास गई तो उसने उसे बेईज्जत करके घर से बाहर निकाल दिया।
इसलिए हुआ यह हाल
मामी मंजू शुक्ला के मुताबिक नमिता के पिता सुरेंद्र कुमार घर छोड़कर चले गए थे। मां ज्ञानबाला ने तीनों बच्चों का पालन पोषण किया। वे उनके यहां ही रहती थीं। बड़ी बेटी अनीता की शादी के नमिता ने एमसीए और आनंद ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। तभी मां की तबियत खराब हुई और अचानक उसकी मौत हो गई। इस सदमे का नमिता की मानसिक स्थिति पर गहरा असर हुआ। करीब ७ माह पूर्व नमिता बेसुध हालत में सड़क पर घूमती पायी गई। तत्कालीन कलेक्टर निशांत वरवडे ने जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी को आदेश दिया कि महिला को शेल्टर दिया जाए। उसकी मानसिक स्थिति खराब होने के कारण आश्रम की बाकी महिलाएं भी परेशान हुईं।
मामी मंजू शुक्ला के मुताबिक नमिता के पिता सुरेंद्र कुमार घर छोड़कर चले गए थे। मां ज्ञानबाला ने तीनों बच्चों का पालन पोषण किया। वे उनके यहां ही रहती थीं। बड़ी बेटी अनीता की शादी के नमिता ने एमसीए और आनंद ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। तभी मां की तबियत खराब हुई और अचानक उसकी मौत हो गई। इस सदमे का नमिता की मानसिक स्थिति पर गहरा असर हुआ। करीब ७ माह पूर्व नमिता बेसुध हालत में सड़क पर घूमती पायी गई। तत्कालीन कलेक्टर निशांत वरवडे ने जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी को आदेश दिया कि महिला को शेल्टर दिया जाए। उसकी मानसिक स्थिति खराब होने के कारण आश्रम की बाकी महिलाएं भी परेशान हुईं।
भाई गई थी नमिता
निर्भया महिला आश्रय गृह के प्रभारी समर खान ने बताया- नमिता सात दिन पहले आश्रम से भाग गई थी। शाहजहांनाबाद पुलिस ने साकेत नगर स्थित मामा के घर के पास से ढूंढ निकाला। मामा रखना नहीं चाहते थे तो पुलिस ने उसे आश्रयघर छोड़ दिया। इसके बाद उसके भाई आनंद दीक्षित का पता भी लगाया गया लेकिन वह भी उसे साथ रखने के लिए तैयार नहीं हुआ।
निर्भया महिला आश्रय गृह के प्रभारी समर खान ने बताया- नमिता सात दिन पहले आश्रम से भाग गई थी। शाहजहांनाबाद पुलिस ने साकेत नगर स्थित मामा के घर के पास से ढूंढ निकाला। मामा रखना नहीं चाहते थे तो पुलिस ने उसे आश्रयघर छोड़ दिया। इसके बाद उसके भाई आनंद दीक्षित का पता भी लगाया गया लेकिन वह भी उसे साथ रखने के लिए तैयार नहीं हुआ।
हो जाएगी ठीक
हमीदिया अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. आरएन साहू नमिता का इलाज कर रहे हैं। उनका कहना है कि नमिता सदमे में है और उसे अपने परिवार की सबसे ज्यादा जरूरत है। ऐसे वक्त में यदि अपनों का साथ मिले तो मरीज जल्दी रिकवर कर जाते हैं।
हमीदिया अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. आरएन साहू नमिता का इलाज कर रहे हैं। उनका कहना है कि नमिता सदमे में है और उसे अपने परिवार की सबसे ज्यादा जरूरत है। ऐसे वक्त में यदि अपनों का साथ मिले तो मरीज जल्दी रिकवर कर जाते हैं।