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यूपीए सरकार की मंजूरी पर बना बीआरटीएस, पांच साल बाद कांग्रेस की ही सरकार हटाएगी

locationभोपालPublished: Jan 03, 2019 01:40:43 am

Submitted by:

Ram kailash napit

पड़ताल: नगरीय प्रशासन मंत्री बीआरटीएस प्रोजेक्ट की फिजिबिलिटी की समीक्षा करवाएंगे

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भोपाल. राजधानी में 27 सितंबर 2013 को 356 करोड़ की लागत वाले बीआरटीएस (बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) को शुरू करने के पांच साल बाद अब इसे बंद करने की सुगबुगाहट है। प्रोजेक्ट पर करीब 150 करोड़ रुपए फूंकने के बाद यूपीए सरकार ने फंडिंग बंद कर दी थी और बाद में मोदी सरकार ने भी इसे आगे नहीं बढ़ाया। इसे संयोग ही कहेंगे कि यूपीए की कांग्रेस सरकार की देन बीआरटीएस प्रोजेक्ट की फिजिबिलिटी की नए सिरे से समीक्षा हो रही है और ये काम प्रदेश की कांग्रेस सरकार ही कर रही है। 15 साल बाद सत्ता में आई कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में वादा किया है कि यदि जरूरत नहीं हुई तो भोपाल-इंदौर से बीआरटीएस को हटा दिया जाएगा। नगरीय प्रशासन मंत्री जयवद्र्धन सिंह ने इस मामले में नगरीय प्रशासन आयुक्त गुलशन बामरा को जानकारियां जुटाने कहा है। रिपोर्ट पर अगले सप्ताह समीक्षा की जाएगी। सरकार बीआरटीएस हटने के बाद सामने आने वाली ट्रैफिक की नई चुनौतियों पर भी फिक्रमंद है। होशंगाबाद रोड से बैरागढ़ तक संचालित बीआरटीएस के हटने से बढऩे वाले यातायात के दबाव को नियंत्रित करने के सुझाव भी एजेंसियों से मांगे गए हैं। इससे चौराहों पर जो अतिरिक्त दवाब वाहनों को बढ़ेगा उसे नियंत्रित करना भी किसी चुनौती से कम नहीं।

 

पांच साल के दरमियान सामने आई इतनी समस्या
फोरलेन और सिक्स लेन सड़कों के जमाने में बीआरटीएस की कुल 20 मीटर चौड़ी सड़क को तीन भागों में बांटा गया है।
बीच वाली सड़क लो फ्लोर बसों के लिए डेडीकेटेट लेन घोषित किया गया है। इस लेन के दोनों तरफ सामान्य वाहनों के चलने के लिए 10 मीटर संकरी सड़कें मौजूद हैं।
मिसरोद से सावरकर सेतु के बीच बीयू के सामने, बागसेवनियां थाने के सामने, दानिश नगर, चिनार फॉच्र्यून, शनि मंदिर, मिसरोद थाने तक डेडीकेटेड लेन मे कट पॉइंट हैं। यहां हादसे लगातार हो रहे हैं।
हबीबगंज स्टेशन से एमपी नगर तक टुकड़ों में डेडीकेटेड लेन है जो ज्यादातर वक्त खाली रहती है।
न्यू मार्केट, कफ्र्यू माता मंदिर, हमीदिया रोड, कलेक्ट्रेट फ्लाईओवर और हलालपुरा में डेडीकेटेड लेन नहीं है, यहां जानलेवा घटनाएं भी हो चुकी हैं।
बैरागढ़ की शुरुआत और आखिरी छोर पर बनी डेडीकेटेड लेन से दोनों तरफ की सड़कें वाहनों से भरी रहती हैं।
प्रस्तावित रूट
मिसरोद से बैरागढ़ 22 किमी
रोशनपुरा से भेल 13 किमी
बोर्ड ऑफिस से रायसेन रोड तीन किलोमीटर
भारत टॉकीज से ताजुल मसाजिद तक 4 किलोमीटर
6 साल में 3.5 लाख से 1.5 लाख प्रतिमाह हुए यात्री
मैंने अधिकारियों को रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। अगले सप्ताह पर विस्तार से चर्चा करेंगे। जरूरी नहीं हुआ तो बीआरटीएस हटाया जाएगा।
जयवद्र्धन सिंह, मंत्री, नगरीय प्रशासन
मैं कई बार देखती हूं कि डेडीकेटेड लेन खाली पड़ी है तो दोनों तरफ जाम लगता है। समय बचाने के लिए कई बार वाहन चालक डेडीकेटेड लेन में चले जाते हैं और दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। ये लेटिन अमेरिका का मॉडल है लेकिन हमारे यहां सफल नहीं हैं।
निर्मला बुच, पूर्व मुख्य सचिव
बीआरटीएस का निर्माण आम लोगों को सस्ती दर पर रैपिड ट्रांस्पोर्ट सुविधा देना था।इसके हटने से लो फ्लोर बसों के संचालन में दिक्कतें आएंगी, इसलिए सरकार को एक्सपर्ट से राय लेनी चाहिए। सायकल ट्रैक भी तभी सफल होगा जब आप लोगों को इस पर चलने मजबूर करेंगे, अभी तो इस पर केवल शौक पूरा हो रहा है।
अरुण गुर्टू, पूर्व डीजी, लोकायुक्त
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