इस ऑफर के तहत BSNL पोस्टपेड प्लान्स पर 60 प्रतिशत डिस्काउंट, 100 फ्री एक्टिवेशन चार्ज और एक फ्री सिम कार्ड दे रहा है।ये ऑफर पूरे मध्य प्रदेश में लागू हुआ है। साथ ही इस ऑफर का फायदा BSNL के पुराने और नए दोनों पोस्टपेड ग्राहक उठा पाएंगे। याद रहे ऑफर का फायदा केवल मार्च के महीने में ही उठाया जा सकता है।
ऑफर के हैं ये भी फायदें
अगर BSNL के ऑफर के फायदे की बात करें तो इसमें नए कनेक्शन लेने वालों के लिए सिम एक्टिवेशन चार्ज नहीं लिया जाएगा। साथ ही एंट्री लेवल वाले पोस्टपेड प्लान्स रेंटल डिस्काउंट के लिए एलिजिबल हैं। इनमें 99 रुपये और 145 रुपये वाले प्लान शामिल हैं। 1,525 रुपये वाले प्रीमियम पोस्टपेड प्लान की बात करें तो 60 प्रतिशत रेंटल डिस्काउंट के लिए एलिजिबल है। इस प्लान में अनलिमिटेड वॉयस कॉल, SMS और डेटा दिया जाता है। हालांकि इसके लिए ग्राहकों को 12 महीने एडवांस रेंटल वाला प्लान चुनना होगा. छह महीने एडवांस रेंटल में 45 प्रतिशत और तीन महीने एडवांस रेंटल में ग्राहकों को 30 प्रतिशत का डिस्काउंट मिलेगा। इसी तरह बाकी तमाम प्लान्स की जानकारी कंपनी से ली जा सकती है। फिर से बता दें रेंटल डिस्काउंट तब ही अप्लाई होगा, जब ग्राहक 12 महीने, 6 महीने या 3 महीने में किसी भी एक एडवांस रेंटल प्लान का चुनाव करेंगे।
बीएसएनएल की आर्थिक हालत बिगड़ी
सूत्रों के मुताबिक मध्यप्रदेश का बीएसएनएल गला काट प्रतिस्पर्धा की भेंट चढ़ गया है। उसकी आर्थिक हालत गड़बड़ा गई है। इस कारण वह उपभोक्ता सेवाओं में कटौती का निर्णय लेने की सोच के साथ , लोट लो ऑफर भी दे रहा है। उसके मोबाइल रेवेन्यू में पहली तिमाही में करीब 50 प्रतिशत और लैंड लाइन में 23 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। आलम यह है कि बीते साल माह दिसंबर तक इस स्थिति में सुधार नहीं आया है। इसलिए गिरते रिवेन्यू को रोकने के लिए यह उपाय किया गया है। बीएसएनएल उपभोक्ताओं को दी जाने वाली सुविधा के मामले में आधी कमाई के नुकसान के साथ लैंडलाइन और ब्राडबैंड में भी घाटे में है।
… तो उपभोक्ताओं को होगी परेशानी
बीएसएनएल के मुताबिक मध्यप्रदेश में पांच लाख 70 हजार से अधिक उसके लैंडलाइन उपभोक्ता हैं। ढाई लाख उपभोक्ता ब्राडबैंड यूज करते हैं। फिलहाल लैंडलाइन पर रात 9 बजे से सुबह 7 बजे तक फ्री कॉलिंग का ऑफर दिया हुआ था। अब इसे घटाकर रात साढ़े दस से सुबह साढ़े छह कर दिया गया है, लेकिन उपभोक्ताओं को इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई। इससे उपभोक्ताओं को जो भारत के कोने-कोने में रहने वाले अपने रिश्तेदारों को फोन करते थे, उन्हें इसका पैसा चुकाना पड़ेगा। मप्र परिमंडल के सीजीएम डॉ. जीसी पांडेय के मुताबिक घटती रेवेन्यू के कारण समय पर यह बदलाव करना पड़ा है।