भोपाल

बंगले पर ताला जड़कर बसपा विधायक रामबाई ने दिखाई दादागिरी, जानिए फिर क्या हुआ…

सरकार को समर्थन दे रही विधायक की दादागिरी, कहा- भोपाल आकर उन सबका ताला तोड़ दूंगी, जिन्होंने ये हरकत की

भोपालJan 23, 2019 / 01:27 am

रविकांत दीक्षित

BSP mla rambai bungalow has been locked

भोपाल. कमलनाथ सरकार को समर्थन दे रही बसपा की विधायक रामबाई की मंगलवार को दादागिरी नजर आई। उन्होंने यहांं 74 बंगला स्थित बी-12 नंबर के सरकारी बंगले पर जबरन ताला जड़ दिया। यह बंगला पहले मंत्री कमलेश्वर पटेल को, फिर प्रदीप जायसवाल को आवंटित किया था। पीड्ब्ल्यूडी ने ताला तोड़कर बंगला कब्जे में ले लिया। रामबाई अपनी हरकतों से सुर्खियों में बनी हुई हैं।

रामबाई ने दावा किया कि बंगले पर ताला खुद की मर्जी से नहीं लगया। मुख्यमंत्री कमलनाथ, स्पीकर एनपी प्रजापति और पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के कहने पर बंगले पर ताला लगाया था। उन्हें मंत्री वर्मा ने कहा था कि वे बी-12 में अपना ताला लगा लें। ताला तोड़े जाने के बाद भी मंत्री से टेलीफोन पर चर्चा की। उनके अनुसार अब भोपाल आकर ही मामले को सुलझाऊंगी। पथरिया से विधायक रामबाई का कहना है, जब मैंने मंत्री के कहने पर बंगले पर ताला लगाया है तो मेरेसाथ डबल गेम कौन खेल रहा है। मैं भी उन सबका ताला तोड़ दूंगी, जिन्होंने मेरे बंगले से ताला हटाया है।

चार को मिल गए बंगले

रामबाई के साथ चार विधायकों के आवास आवंटन की फाइल सीएम कार्यालय भेजी गई थी। इसमें कांग्रेस के आरिफ मसूद को शिवाजी नगर, बसपा के संजीव सिंह को 45 बंगला, भाजपा के गौरीशंकर बिसेन और कांग्रेस के कुणाल चौधरी को 74 बंगला में आवास आवंटित हो चुके हैं। रामबाई की फाइल अभी भी अटकी हुई है। रामबाई बी टाइप का बंगला मांग रही है, जिसकी पात्रता मंत्रियों को ही है।

मंत्री नहीं बनाया तो समर्थन वापस, जा सकती हूं भाजपा के साथ भी

रामबाई ने मंगलवार को कहा कि वे मंत्रियों के बाप से कम नहीं। 25 जनवरी तक उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली तो कुछ भी निर्णय लिया जा सकता है। उन्होंने कहा, हमारा समर्थन पहले कांग्रेस को है। यदि वह हमें ठुकराने की कोशिश करेगी तो समर्थन वापस ले सकते हैं। जब पूछा गया कि भाजपा क्या कांग्रेस सरकार को गिरा देगी तो जवाब था कि भाजपा सोच समझकर ही कह रही होगी। क्या वे भाजपा में जा सकती हैं तो उन्होंने कहा कि भाजपा के अलावा दूसरी पार्टी है कौन सी। उन्होंने बटियागढ़ के तहसील बाबू की क्लास ली और उससे एक किसान को तीन हजार रुपए की रिश्वत वापस दिलवाई।

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