उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी तो इसके लिए तैयार हैं, लेकिन दिग्विजय सिंह इसमें टांग अडा रहे हैं।
मायावती के खुलकर आरोप लगाने के बाद दिग्विजय सिंह के लिए परेशानी बढ गई हैं, वैसे ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पिछले कुछ समय से उन्हें लगातार नजरअंदाज कर रहे हैं।
यही वजह है कि मध्यप्रदेश में दौरे पर आए राहुल के कार्यक्रम में दिग्विजय सिंह का कटआउट तक नहीं लगाया गया। दरअसल, राहुल गांधी की टीम ने फीड बैक दिया था कि मध्यप्रदेश की जनता आज तक दिग्विजय सिंह के शासन काल का अंधेरा और गडढे वाली सडके नहीं भूली है।
मायावती के खुलकर आरोप लगाने के बाद दिग्विजय सिंह के लिए परेशानी बढ गई हैं, वैसे ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पिछले कुछ समय से उन्हें लगातार नजरअंदाज कर रहे हैं।
यही वजह है कि मध्यप्रदेश में दौरे पर आए राहुल के कार्यक्रम में दिग्विजय सिंह का कटआउट तक नहीं लगाया गया। दरअसल, राहुल गांधी की टीम ने फीड बैक दिया था कि मध्यप्रदेश की जनता आज तक दिग्विजय सिंह के शासन काल का अंधेरा और गडढे वाली सडके नहीं भूली है।
ऐसे में यदि उन्हें चुनाव में आगे किया जाएगा तो भाजपा एक बार नए सिरे से मिस्टर बंटाधार के नारे को जिंदा कर कांग्रेस के उन र्दुदिनों की याद दिलाकर वोटरों को भ्रमित करेगी। इसके बाद से लगातार राहुल गांधी अपनी सभाओं और कार्यक्रमों में न तो पूर्व मुख्यमंत्री सिंह का नाम लेेते हैं न ही तवज्जों दे रहे हैं।
मायावती बोली भाजपा का एजेंट है दिग्गी मायावती ने कहा कि दिग्विजय भाजपा के एजेंट हैं। उन्होंने कहा कि वे अपने स्वार्थ सिद्ध करने के लिए कांग्रेस—बसपा को करीब नहीं आने देना चाहते। दरअसल, दिग्विजय सिंह ने बयान दिया था कि बसपा मध्य प्रदेश चुनाव में कांग्रेस से इसलिए गठबंधन नहीं करना चाहती क्योंकि मायावती सीबीआई से डरती है। जिसका जवाब आज मायावती ने दिया।
कांग्रेस पर भी साधा निशाना मायावती ने कहा कि आजादी के बाद लंबे समय तक देश में कांग्रेस की सरकार रही लेकिन इसने दलितों, आदिवासियों व अल्पसंख्यकों के लिए कुछ नहीं किया। यहां तक कि केंद्र की सत्ता में रहने पर बसपा को कमजोर करने के लिए मुझे ताज कॉरिडोर मामले में भी फंसाया लेकिन बसपा किसी के हाथों का खिलौना नहीं बनना चाहती।