जानकारी के अनुसार बरकत उल्लाह यूनिवर्सिटी 1970 में स्थापित हुई थी। बुधवार को यूनिवर्सिटी ने अपने 48 साल पूरे किए। इस दौरान स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होकर, कार्यक्रम मेें मौजूद सभी बच्चों को ज्ञानवर्धक जानकारी दी।
बताई समय की महत्ता
राज्यपाल पाल ने अपने वक्तव्य में बच्चों को अनुशासन का पालन करना सिखाया। साथ ही उन्हें समय की महत्ता भी बताई। उन्हें बताया कि जिंदगी में समय का पालन करना कितना जरूरी है। आनंदी बेन ने बच्चों को समय के उपर कई उदाहरण दिए ताकि वे समय की महत्ता समझ कर उसका पालन कर सके।
नई चीजें खोजते रहने की दी सलाह
आनंदी बेन ने बच्चों से कहा कि जब हमारे जीवन में कॉलेज लाइफ की शुरूआत होती है, तो कई चीजें बदल जाती हैं। हम घर से थोड़े से आजाद हो जाते हैं। नए दोस्त, प्रेम प्रसंग की शुरूआत। इन सब को लेकर हम उत्साहित होते है। पर, इन सबके बावजूद पढ़ना तो पड़ता ही है। हमें हर रोज नई नई चीजें खोजनी चाहिए। खुद को बेहतर बनाने के लिए निरन्तर प्रयास करते रहना चाहिए।
आसाराम चौधरी का किया जिक्र
कुलाधिपति आनंदी बेन ने अपने वक्तव्य में आसाराम चौधरी का जिक्र किया। आसाराम चौधरी ने किस तरह मेहनत कर, एम्स में एडमिशन लिया। उनके पिता कूढ़ा साफ करते है। वे मेडिकल जैसे मंहगे प्रोफेशन की फीस भरने में असमर्थ थे। पर, अगर आप में चाह और जज्बा हो तो हर चीज आसान हो जाती है, जैसा कि आसाराम के साथ हुआ। खुद सीएम शिवराज उनकी मदद के लिए आगे आए।
बच्चों को दी हिदायत
राज्यपाल ने बच्चों को हिदायत देते हुए कहा कि कोई भी ऐसा काम न करें जिससे यूनिवर्सिटी की आन बान शान को ठेस पहुंचे। यूनिवर्सिटी के बारे में कोई भी गलत जानकारी न फैलाये। जब तक किसी बात पर पूरी तरह निश्चित न हो, तब तक उसका जिक्र किसी अन्य से न करें।
शिक्षको को लगाई लताड़
कुलाधिपति आनंदी बेन ने शिक्षकों को इस दौरान हिदायत भी दी। उन्होंने कहा कि मैं यहां किसी का एग्जाम लेने नहीं आई हूं। यह देखने आई हूं कि मैंने जो आदेश जारी किए थे, उनमें मैं सही हूं या नहीं। इसके लिए मैं सभी एचओडी की बैठक लूंगी। प्रदेश की ऐसी पहली यूनिवर्सिटी होगी। जिनके एचओडी की बैठक मैं लूंगी। क्योंकि मैंने जब वाइस चांसलर से पूछा था कि यह काम कर सकोगे तो उन्होंने कहा कि हम कर लेंगे। अब सब से मैं बात करूंगी।