केंद्र के फैसले के तुरंत बाद मप्र सरकार ने भी पेट्रोल और डीजल पर दो-दो रुपए अतिरिक्त ड्यूटी ( extra duty ) लगा दी है। ऐसे में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh ) की जनता को इससे दोहरी मार पड़ी। जिसके चलते एक दिन बाद ही यानि शनिवार को पेट्रोल व डीजल के दामों में क्रमश: ₹4.53 व ₹ 4.43 की वृद्धि दर्ज की गई।
केंद्र और राज्य की ड्यूटी में वृद्धि के बाद मध्य प्रदेश में शनिवार को पेट्रोल (petrol price ) के दाम में प्रति लीटर 78.14 रुपए और डीजल में 70.06 रुपए पहुंच गया। वहीं इससे पहले विभाग ने स्पष्ट किया है कि शहरों के हिसाब से रेट अलग-अलग होंगे।
दिनांक | पेट्रोल ( प्रति लीटर ) | डीजल (प्रति लीटर) |
06 Jul 2019 | ₹ 78.14 | ₹ 70.06 |
05 Jul 2019 | ₹ 73.61 | ₹ 65.63 |
04 Jul 2019 | ₹ 73.61 | ₹ 65.63 |
03 Jul 2019 | ₹ 73.61 | ₹ 65.63 |
02 Jul 2019 | ₹ 73.61 | ₹ 65.63 |
01 Jul 2019 | ₹ 73.54 | ₹ 65.57 |
30 Jun 2019 | ₹ 73.44 | ₹ 65.46 |
29 Jun 2019 | ₹ 73.24 | ₹ 65.28 |
28 Jun 2019 | ₹ 73.24 | ₹ 65.28 |
27 Jun 2019 | ₹ 73.18 | ₹ 65.22 |
26 Jun 2019 | ₹ 73.11 | ₹ 65.17 |
वहीं राज्य सरकार का कहना है कि भारत सरकार ने केंद्रीय करों में ( Budget 2019 ) मप्र का हिस्सा करीब 2677 करोड़ रुपए कम कर दिया है, इसी वजह से यह कदम उठाना पड़ा। राज्य सरकार को अतिरिक्त ड्यूटी लगाने से सालाना पेट्रोल-डीजल पर करीब 1400 से 1500 करोड़ रुपए अतिरिक्त मिलेंगे।
बताया जा रहा है कि राज्य सरकार अतिरिक्त ड्यूटी लगाने को लेकर देर रात तक माथापच्ची ( Budget 2019 ) करती रही। वित्त विभाग (finance ministry ) के अपर मुख्य सचिव अनुराग जैन, वाणिज्यिक कर विभाग के प्रमुख सचिव मनु श्रीवास्तव समेत संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री व वित्तमंत्री से भी बात की गई। अंतत: देर रात फैसला लेना पड़ा। वाणिज्यिक कर विभाग के सूत्रोंं का कहना है कि पिछली मर्तबा केंद्र सरकार ने पेट्रोल की कीमतें घटाई थीं, तब मप्र ने भी इसे कम किया था।
ऐसे समझें मध्यप्रदेश में तेल पर टैक्स: OIL Tax in MP
पेट्रोल : 28 फीसदी वैट ( VAT ) , एक प्रतिशत सेस के साथ डेढ़ रुपए अतिरिक्त कर लगता था जो बढ़तकर 3.50 रु. कर दिया।
डीजल : 18 फीसदी वैट और एक प्रतिशत सेस। राज्य सरकार के फैसले के बाद अब दो रुपए अतिरिक्त ड्यूटी।
सोने पर कस्टम ड्यूटी बढ़ी…
मोदी सरकार 2.0 ने सोने पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी है। इसके अलावा इलेक्ट्रिक गाड़ियों की खरीद को बढ़ावा देने के लिए ऑटो लोन पर टैक्स छूट का लाभ दिया गया है। बजट ( Budget 2019 ) में अमीरों से ज्यादा टैक्स वसूलने का इंतजाम भी किया गया है।
सरकार ने ठेकेदारों या पेशेवरों को एक साल में 50 लाख रुपए सालाना से अधिक का भुगतान करने वाले व्यक्ति के लिए 5% की दर से टीडीएस ( TDS ) अनिवार्य कर दिया है।
इसके तहत टीडीएस की राशि को व्यक्ति अपने स्थायी खाता संख्या (पैन PAN ) के माध्यम से सरकारी खजाने में जमा करा सकेगा। चालू खाते में एक करोड़ रुपए से अधिक जमा करने, एक लाख रुपए से अधिक बिजली बिल का भुगतान करने और एक साल में विदेश यात्रा पर दो लाख रुपए खर्च करने वालों के लिए आयकर रिटर्न ( income tax Return ) दाखिल करना अनिवार्य करने का प्रस्ताव लाया गया है।
ये हुए महंगे . Expensive ..
केंद्र ने पेट्रोल-डीजल पर 2 रु. का अतिरिक्त टैक्स लगाया गया। सोने और बेशकीमती रत्नों पर 10% कस्टम ड्यूटी थी। इसे बढ़ाकर अब 12.5% किया गया है। इसमें सभी महंगी धातुएं शामिल हैं। आयातित सामान पर ड्यूटी लगाकर सरकार घरेलू उद्योगों को मजबूत करना चाहती है।
यानी मार्बल,पेट्रोल, डीजल, सोना, चांदी, महंगी धातु, काजू, किताबें, ऑटो पार्ट्स, सिंथेटिक रबर, पीवीसी, टाइल्स, तंबाकू, ऑप्टिकल फाइबर, स्टेनलेस स्टील प्रोडक्ट, एसी, लाउडस्पीकर, वीडियो रिकॉर्डर, सीसीटीवी कैमरा, गाड़ियों के हॉर्न आदि अब महंगे हो जाएंगे।
ये हुए सस्ते. Cheap ..
इलेक्ट्रानिक गाडियां व होमलोन में कमी। वहीं साबुन, शैंपू, हेयरऑयल, टूथपेस्ट, पंखे, लैंप, ब्रीफकेस, यात्री बैग, सेनिटरी वेयर, बोतल, कंटेनर, बर्तन, गद्दा, बिस्तर, चश्मोंं के फ्रेम, बांस का फर्नीचर, पास्ता, धूपबत्ती, नमकीन, सूखा नारियल, सैनिटरी नैपकिन आदि सस्ते होंगे।
अखबारी कागज पर कस्टम ड्यूटी : custom duty …
अखबारी कागज पर 2010 के बाद ड्यूटी नहीं थी, सरकार ने अखबारी कागज पर 10% कस्टम ड्यूटी ( custom duty ) लगा दी है। इससे पहले 2009 तक अखबारी कागज पर 2% ड्यूटी लगती थी, जो 2010 में खत्म कर दी गई थी। अब 10% ड्यूटी लगाने के सरकार के इस कदम से पाठकों पर और अखबारी जगत पर बोझ बढ़ेगा। जिससे न्यूज पेपर इंडस्ट्री बुरी तरह प्रभावित होगी। क्योंकि, इस इंडस्ट्री में एक बड़ा खर्च सिर्फ अखबारी कागज पर होता है।