scriptगोशाला बना रही, पर अमले को भूली सरकार | Building a cowshed, but the government forgot the staff | Patrika News
भोपाल

गोशाला बना रही, पर अमले को भूली सरकार

– प्रभारियों के भरोसे पशु चिकित्सालय

भोपालFeb 24, 2020 / 11:26 pm

anil chaudhary

financial grant for operate cowshed in Singrauli

financial grant for operate cowshed in Singrauli

भोपाल. राज्य सरकार पंचायत स्तर पर गोशाला खोलने की तैयारी कर रही है। दूसरी ओर पशु पालन विभाग अमले की कमी से जूझ रहा है। पशु चिकित्सकों सहित अन्य कर्मचारियों के दो हजार से अधिक पद खाली हैं। ज्यादातर पशु चिकित्सालय और औषधालय प्रभारियों के भरोसे हैं।
कांग्रेस सरकार का फोकस गोवंश को बचाने को लेकर अधिक है। इसी को ध्यान में रखकर गोशालाएं खोली जा रही हैं। इनमें पशुओं के लिए बेहतर सुविधाएं जुटाई जाना हैं। गोवंश के इलाज की सुविधा की भी बात हो रही है, लेकिन अमले की कमी आड़े आ रही है। राज्य में पशु चिकित्सकों की करीब 1300 स्वीकृत पदों में 1250 कार्यरत हैं। सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारियों के 5795 पद स्वीकृत हैं, इनमें से 4000 कार्यरत हैं। इसका सीधा असर पशु चिकित्सालयों पर पड़ा है।
– लंबे समय नहीं हुई नियुक्तियां
विभाग में दो हजार से अधिक पद रिक्त होने के बाद भी लम्बे समय से नियुक्तियां नहीं हुई हैं। यह स्थिति तब है जब प्रतिवर्ष सैकड़ों छात्र-छात्राएं पशु चिकित्सा में डिग्री और डिप्लोमा ले रहे हैं। नियुक्तियां नहीं होने से डिग्री, डिप्लोमाधारकों में नाराजगी है।


– रिक्त पद भरने में नियमों का अड़ंगा
विभाग के अधिकारी बताते हैं यहां रिक्त पदों को भरने के लिए नियम आड़े आ रहा है। नियमों के तहत कुल रिक्त पदों में से एक साल में पांच प्रतिशत पदों पर ही नियुक्ति हो सकती है, इस तरह चाहते हुए भी सभी पदों पर नियुक्तियां नहीं हो सकती। लंबे समय से प्रमोशन न होने के कारण भी दिक्कते हैं, क्योंकि कई रिक्त पद प्रमोशन वाले हैं। हालांकि, विभाग इसके लिए रास्ता निकालने की तैयारी कर रहा है। अब डॉक्टर और अन्य अमले के लिए करीब एक हजार पदों की स्वीकृति मांगी गई है।
– तीन हजार गोशालाओं का लक्ष्य
विभाग का लक्ष्य तीन हजार गोशालाएं तैयार करने का है। पहले चरण में एक हजार गोशालाओं का निर्माण किया जा रहा है, जबकि दूसरे चरण में दो हजार गोशालाएं बनाई जाएंगी। पुरानी 657 गोशालाओं को व्यवस्थित किया रहा है।

रिक्त पदों को लेकर विभाग चिंतित है। नियुक्तियां भी हो रही हैं। कुछ पद प्रमोशन के हैं, इसलिए इन्हें प्रमोशन से ही भरा जाएगा। प्रयास से है कि पशु चिकित्सालयों की व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चलती रहें।
– डॉ. आरके रोकड़े, संचालक, पशु पालन विभाग

विभाग में एबीएफओ के पद बड़ी संख्या में रिक्त हैं। इससे कर्मचारियों पर काम का बोझ बढ़ा है। सरकार से मांग की गई है कि रिक्त पदों पर नियुक्तियां की जाएं, जिससे काम-काज सुचारू ढंग से हो सके।
– बीएस वर्मा, अध्यक्ष, सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी संघ

 

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