ये सहायता तकनीकी शिक्षा के चिन्हित सेक्टर में रोजगार व स्वरोजगार के लिए खोले जाने वाले सेंटर के लिए मिलेगी। इसके लिए निजी एजेंसी को आवेदन करना होगा, जिसमें राज्यस्तरीय कमेटी प्रथम आओ-प्रथम पाओ की नीति अपनाकर निर्णय करेगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में बैठक में इस नीति को मेक इन इंडिया के तहत मंजूरी दी गई। तकनीकी शिक्षा विभाग ने इस नीति को पेश किया। इसमें किसी भी सरकारी निकाय या उसके एक भाग को उत्कृष्टता केंद्र बनाने का प्रावधान है। यानी इसे सरकारी भवन, आइटीआइ, स्कूल या अन्य जगह भी स्थापित किया जा सकेगा। इन केंद्रों को विभिन्न केंद्रीय और राज्य की सरकारी परियोजनाओं के तहत भी सहायता की पात्रता रहेगी।
रेत के नए नियम मंजूर
शिवराज कैबिनेट ने रेत खनन नीति के नए नियम भी मंजूर कर दिए। इसके तहत अवैध खनन और परिवहन करते पहली बार पकड़ाने वाले डंपर सहित अन्य वाहनों पर पहले की अपेक्षा सात गुना जुर्माना किया जाएगा, लेकिन पहली बार में उसे राजसात नहीं किया जाएगा। दूसरी बार पकड़ाने पर वाहन राजसात कर लिए जाएंगे।
ये रहेंगे नियम
90 फीसदी आर्थिक हिस्सेदारी निजी एजेंसी की होगी। 10 प्रतिशत अनुदान सरकार देगी।
10 प्रतिशत का अनुदान अधिकतम 40 करोड़ होगा। सरकारी भवन व अन्य सुविधा अलग।
कुल पूंजी का 30 प्रतिशत सॉफ्टवेयर और 70 प्रतिशत हार्डवेयर में लगाने का फॉर्मूला रहेगा।
मुख्य रूप से पांच साल के लिए यह प्रोजेक्ट्स रहेंगे। पांच साल बाद मशीनरी सरकार की हो जाएगी।
मंजूरी के दो साल में प्रोजेक्ट शुरू होना अनिवार्य। न्यूनतम तीन साल चलाना जरूरी रहेगा।
प्रत्येक केंद्र का एक संचालक मंडल बनेगा। इसका अध्यक्ष उद्योगपति या शिक्षाविद होगा।
भोपाल जिला अस्पताल को 300 बेड से 400 बेड करना। अन्य अस्पताल भी अपग्रेड।
चित्रकूट में दृष्टिबाधित बच्चों का स्कूल सरकारी घोषित किया जाएगा।
खेल में पांच पदक लाने वाले प्रतिभावान विद्यार्थियों के लिए सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा।
दो आइपीएस के पद निर्मित। शहरी क्षेत्र के लिए कोष गठन को मंजूरी।
पत्रकारों के 25 लाख तक के होम लोन पर 5 फीसदी ब्याज 5 साल सरकार देगी। कैमरा क्षतिग्रस्त होने पर 50 हजार तक मदद। पत्रकारों की अचानक मृत्यु पर परिजनों को 4 लाख की मदद।