नरसिंहपुर जिले से 20 किलोमीटर दूर स्थित आमगांव हैं, जहां यह दुर्लभ प्रजाति के पीले रंग के मेंढकों का झुंड मिला है। इस गांव में पिछले तीन दिन पहले हुई जोरदार बारिश के बाद जब यह मेंढकों का झुंड बाहर निकला तो पूरे गांव में कौतूहल का माहौल बन गया। गांव वालों का कहना है कि अब तक जितने भी प्रकार के मेंढक देखें है, लेकिन पीले रंग का मेंढक पहली बार देख रहे हैं। इंडियन फारेस्ट सर्विसेस की अधिकारी परवीन कासवान ने इसे ट्वीटर पर शेयर किया है। उन्होंने बताया कि प्रजनन काल में मेंढक को आकर्षित करने के लिए मादा मेंढकी पीले रंग को धारण कर लेते ही।
जीवजंतुओं के जानकार बताते हैं कि यह मेंढक आकर्षक हैं, लेकिन यह खतरनाक नहीं है। यह दुर्लभ प्रजाति के हैं। इनका वैज्ञानिक नाम होपलोब्राटेचस टाइगरिनस है। आमतौर पर यह भूरे रंग से लेकर हल्के हरे रंग में दिखाई देते हैं।
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फिलहाल ब्रीडिंग काल है
विशेषज्ञों के मुताबिक बारिश के वक्त मेंढकों का ब्रीडिंग काल होता है। इसलिए बारिश में इनका पीलापन उभर आता है। पीले रंग के मेंढक दुर्लभ जरूर हैं, लेकिन इस प्रकार से निकलने की यह घटना कई राज्यों में बारिश के दिनों में होती है। हाल ही में महाराष्ट्र में भी कई स्थानों पर यही प्रजाति देखने को मिली है।
शहर और गांवों में पीले मेंढ़कों की आबादी बढ़ने से विशेषज्ञ भी उत्साहित हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि यदि मेंढकों का झुंड दिखाई दे तो यह उनका प्रजन्न काल होता है। यह मेंढक फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों को नियंत्रित करने के लिए फायदेमेंद है। यह किसानों के लिए भी फायदेमंद साबित होते हैं।