पुलिस ने बताया कि फारुख अली पिता मेहबूब अली (32) बस में कंडक्टरी करता था। बस में कंडक्टरी करने के कारण उसकी दोस्ती नशा करने वालों से हो गई थी और वह खुद भी नशे करने लगा। परिजन ने बताया कि शराब, गांजा, चरस, वाइटनर समेत जो भी व्यवस्था होती थी वह नशे कर लेता था। नशे की आदत से वह खुद भी परेशान हो गया था। यहां तक की परिजन ने उसकी दो बार शादी कराई और दोनों ही पत्नियां उसके नशे की लत से परेशान होकर उसे छोड़कर चली गई।
परिजन ने देखा और सो गए
फारुख के पिता मेहबूब अली ने पुलिस को बताया कि बुधवार देर रात नशे की हालत में फारुख घर पहुंचा था। नशे में होने के कारण वह बेवजह हंगामा और चिल्ला चोट करता रहा। रोज का काम होने के कारण परिजन ने कुछ देर देखा और सभी सो गए। फारुख सुबह कब उठकर चला गया किसी को पता नहीं था। सुबह करीब सवा पांच बजे के आसपास कुछ लोगों ने उसे यूपी टायर शॉप के बाहर सड़क पर खून से लथपथ पड़ा देखा था। परिजन को घटना की जानकारी लगी और वे भी मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक फारुख की मौत हो चुकी थी। फारुख का शव देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि उसने चौथी मंजिल से कूदकर आत्महत्या की है। फिलहाल पुलिस इस मामले में जांच कर रही है।