पुतलीघर बस स्टैंड के बुरे हाल, हर रोज एक हजार से अधिक मुसाफिर, व्यवस्थाएं शून्य, हो रही मनमानी ..
ये कैसा बस स्टैंड, एक हजार यात्री हर रोज फिर भी पैर रखने तक की जगह नहीं
भोपाल. शहर में नए बस स्टैंड बनाने के लिए नगर निगम और जनप्रतिनिधि चर्चा कर रहे हैं लेकिन जो पहले से बने हैं उनकी व्यवस्थाएं सुधारने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बैरसिया रोड स्थित पुतलीघर बस स्टैंड पर बुरे हाल हैं। यहां पैर रखने तक के लिए जगह नहीं। चारों ओर कीचड़ फैला हुआ है। बस तक पहुंचने के लिए भी यात्रियों को इस कीचड़ के बीच से होकर जाना पड़ रहा है।
शहर के पुराने बस स्टैंड में से एक है। यहां से बैरसिया, विदिशा सहित इस मार्ग की करीब पचास बसें हर रोज रवाना होती है। यहां से करीब एक हजार यात्रियों की आवाजाही है।
इनमें अपडाउन करने वाले सबसे ज्यादा हैं। स्टैंड की व्यवस्थाएं नगर निगम के जिम्मे हैं फिर भी किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। यात्रियों के मुताबिक अब तक यहां आने से भी लोग कतराने लगे हैं। यात्री अशोक सेन के मुताबिक यहां व्यवस्था के नाम पर कोई इंतजाम नहीं है। मनमानी हो रही है। इसकी सुनवाई करने वाला भी कोई नहीं है।
इंटरस्टेट बस स्टैंड पर करोड़ों खर्च, पुराने बदहाल शहर में इंटरस्टेट बस स्टैंड (आईएसबीटी) के अलावा नादरा बस स्टैंड, हलालपुर बस स्टैंड और पुतलीघर बस स्टैंड हैं। इनमें से आईएसबीटी के विकास पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए। लेकिन बाकी के तीन स्टैंड में यात्रियों की सुविधा की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। नादरा शहर का सबसे पुराना बस स्टैंड हैं। इसके बाद पुतलीघर स्टैंड का निर्माण हुआ।
– कहां से कितने यात्री आइएसबीटी बस स्टैंड- 250 बसें हर रोज यात्री- करीब पांच हजार यात्रियों की आवाजाही – नादरा बस स्टैंड – 100 बसें हर रोज यात्री – करीब दो हजार
– पुतलीघर – 50 बसें हर रोज यात्री करीब एक हजार – हलालपुर- 50 बसें हर रोज
पुतली घर बस स्टैंड की व्यवस्था सुधारने के लिए जल्द ही काम किया जाएगा। इस दिशा में योजना बन रही है। हरीश गुप्ता, पीआरओ, नगर निगम