scriptप्रदेश में इन दो दिनों को नहीं चलेंगी बसें, बस संचालकों की बैठक में फैसला | Buses strike in Madhya Pradesh on 26-27 February | Patrika News

प्रदेश में इन दो दिनों को नहीं चलेंगी बसें, बस संचालकों की बैठक में फैसला

locationभोपालPublished: Feb 23, 2021 08:39:18 pm

Submitted by:

Shailendra Sharma

सीधी बस हादसे के बाद की जा रही सख्ती के बीच बस संचालकों की बैठक, दो दिवसीय बस हड़ताल का फैसला..

bus_hadtal.png

भोपाल. मंगलवार को भोपाल में हुई बस संचालकों की बैठक में बस संचालकों ने दो दिन की बस हड़ताल का फैसला लिया है। सीधी में बीते दिनों हुए बस हादसे के बाद प्रदेशभर में हो रही सख्ती के बीच बस संचालकों की बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में भोपाल, इंदौर और सागर संभाग के बस ऑपरेटरों ने 26 और 27 फरवरी को बस सेवाएं बंद रखने और बसों की हड़ताल करने का फैसला लिया है। बस ऑपरेटरों का आरोप है कि प्रशासन अपनी गलती छिपाने के लिए बस संचालकों को निशाना बना रहा है।

 

25-26 फरवरी को बसों की हड़ताल
मंगलवार को भोपाल में हुई बस ऑपरेटरों की बैठक में पूरे प्रदेश से बस ऑपरेटर पहुंचे। बैठक में भोपाल, सागर, होशंगाबाद, बैतूल, इंदौर के बस संचालक मौजूद थे जिन्होंने बैठक में फैसला लिया है कि प्रशासन सीधी बस हादसे के बाद जो चालानी कार्रवाई कर रहा है उसके विरोध में भोपाल, इंदौर व सागर संभाग में दो दिनों तक 26-27 फरवरी को बसों का संचालन नहीं किया जाएगा और बस हड़ताल की जाएगी। बस संचालकों ने प्रशासन की कार्रवाई को गलत ठहराते हुए ये भी आरोप लगाया है कि सीधी बस हादसे के लिए प्रशासन जिम्मेदार है और उल्टे बस संचालकों को इसके लिए निशाना बनाया जा रहा है। उनका कहना है कि जब सतना में परीक्षा होनी थी तो जिला कलेक्टर को ये पता होना चाहिए था कि सीधी से सतना के लिए कितनी बसें चल रही हैं और उनकी स्थिति कैसी है ? सीधी से सतना की सड़क खराब होने के बाद भी प्रशासन ने ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए पुलिस की कोई व्यवस्था नहीं की। और जब हादसा हुआ तो अपनी गलती छिपाने के लिए बस ऑपरेटर्स को निशाना बनाया जा रहा है।

 

यात्रियों की सुरक्षा पर सरकार का ध्यान नहीं- बस ऑपरेटर्स
बस ऑपरेटर्स का आरोप है कि सरकार का ध्यान यात्रियों की सुरक्षा पर बिल्कुल भी नहीं है। चार्टर्ड और सूत्र सेवा की जो बसें प्रदेश में संचालित हो रही हैं उनमें नियमों के मुताबिक दो गेट होने चाहिए लेकिन ऐसा नहीं है। इमरजेंसी गेट भी नहीं हैं लेकिन फिर भी कोई ध्यान देने वाला नहीं है। बस संचालकों का ये भी कहना है कि चार्टर्ड बसें एयरकंडीशन होती हैं और उनके पलटने पर उनमें आग लगने का खतरा ज्यादा होता है इसके बावजूद उन पर कार्रवाई नहीं की जा रही है।


किराया वृद्धि न करने का भी लगाया आरोप
बैठक में शामिल होने पहुंच बस संचालकों ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीते तीन सालों से बसों के किराए में वृद्धि नहीं की गई है। डीजल का रेट 60 रुपए प्रति लीटर से बढ़कर 90 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच चुका है लेकिन बार बार ज्ञापन देने के बाद भी बसों के किराए में बढ़ोत्तरी को सरकार मंजूरी नहीं दे रही है। किराए में बढ़ोत्तरी न होने और डीजल के दामों में हुई वृद्धि से बसों का संचालन घाटे का सौदा हो गया है।

देखें वीडियो- नशे में धुत अतिक्रमण अधिकारी की गुंडागर्दी

https://www.dailymotion.com/embed/video/x7zhjsh

ट्रेंडिंग वीडियो