एक प्वाइंट से रोजाना औसतन 50 टैंकर सप्लाई किया जाता है। चूनाभट्टी से कोलार जाने वाले मुख्य मार्ग पर ही आधा दर्जन से अधिक फिलिंग प्वाइंट्स हें। दिन-रात यहां से टैंकर भरकर पानी सप्लाई किया जाता है। इनायतपुर में नगर निगम का वाटर फिलिंग स्टेशन है। इसके सिवा निजी टैंकर संचालक कोलार रोड के अकबरपुर, बैरागढ़ चीचली, नयापुरा आदि स्थानों से बिना शोधित कच्चा पानी सप्लाई करते हैं। चूनाभट्टी से लेकर गोलजोड़ तक 300 से अधिक बोर पानी सप्लाई करने का धंधा कर रहे हैं। ग्राउंड फ्लोर पर पानी देना होता है तो 450-500 रुपए और ऊपरी मंजिल पर पम्प से देना हो तो 600-700 रुपए प्रति टैंकर तक लिए जाते हैं।
कोलार थाने के पास बने नगर निगम कार्यालय से सटे अहाते में भी बोरिंग है, जहां से रोजाना कई टैंकर पानी सप्लाई किया जाता है। पूर्व में शहर के एक पर्यावरणविद् ने शाहपुरा तालाब के साथ आम्रपाली एन्क्लेव चूनाभट्टी, शाहपुरा सी सेक्टर, प्रशासन अकादमी परिसर और पर्यावरण परिसर में लगे ट्यूबवेल्स से पानी के नमूने लेकर कोडिंग के जरिए जांच कराई थी और एप्को से हुई जांंच में सभी नमूने काफी दूषित पाए गए थे।
विगत दो वर्षों में 25 व 26 प्रतिशत बारिश कम होने के कारण जिले का भूजल स्तर अलग-अलग स्थानों पर एक से डेढ़ मीटर तक गिर गया है। इसके सिवा वाटर हार्वेस्टिंग न होने से भी भू-जल स्तर में गिरावट दर्ज की गई है। शहर में करीब चार लाख घर हैं, जिनमें सवा लाख से अधिक घरों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया जाना था, लेकिन हकीकत में पांच हजार घरों में भी नहीं लगाए गए। बिल्डिंग परमीशन के समय क्षेत्रफल के मुताबिक वाटर हार्वेस्टिंग के लिए रिफंडेबल धनराशि जमा कराई जाती है, जिसे अकसर कोई वापस लेने नहीं आता है। यह धनराशि दस करोड़ रुपए से अधिक हो गई है।
भू-जल स्तर की स्थिति को देखते हुए पीएचई रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए जिले में नई बोरिंग खोदने पर प्रतिबंध लगाया गया है। आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पानी की बर्बादी को रोकने के सभी उपाय किए जाएंगे।
– डॉ. सुदाम पी खाड़े, कलेक्टर