रिकवरी एजेंट से परेशान न्यू मार्केट के व्यापारी ने की आत्महत्या
भोपालPublished: Feb 22, 2020 02:16:35 am
व्यापार करने छह फायनेंस कंपनियों-बैंक से 35 लाख रुपए का लिया था लोन, 80 हजार रुपए हर माह भर रहा था किश्त
रिकवरी एजेंट से परेशान न्यू मार्केट के व्यापारी ने की आत्महत्या
भोपाल./सीहोर. रिकवरी एजेंट से परेशान होकर न्यू मार्केट के कपड़ा व्यापारी ने जहर खाकर खुदकुशी कर ली। क्रीसेंट वाटर पार्क सीहोर के पास जहर खाने के पहले छोटे भाई के मोबाइल पर वीडियो भी भेजा, जिसमें रिकवरी एजेंट से परेशान होने की बात कही है। जानकारी के मुताबिक 39 वर्षीय हेमंत कुशवाह, सुखसागर कॉलोनी, नीलबड़ में रहते थे। उनकी न्यू मार्केट में कपड़ों की दुकान है। साथ में पत्नी सरिता, मां सावित्री देवी और दो बेटे धीरज व निखिल रहते हैं। इसी कॉलोनी में उनका छोटा भाई जितेंद्र भी परिवार के साथ रहता है। जितेंद्र ने बताया कि गुरुवार सुबह बड़े भैया ने वाट्सऐप पर मुझे एक वीडियो भेजा। मैंने वीडियो देखा, तो उसमें भैया सुसाइड करने की बात बोलते हुए सुनाई दिए। मैैं तत्काल भैया के घर पहुंचा, तो पता चला कि वह बेटे धीरज को दसवीं की परीक्षा के लिए छोडऩे गए थे। मैंने भैया को कॉल किया, तो किसी अनजान व्यक्ति ने फोन उठाया। उसने बताया कि क्रीसेंट पार्क सीहोर के पास उन्होंने जहर खा लिया है। इसके बाद घर से भाभी को लेकर हम लोग तत्काल सीहोर पहुंचे, वहां से भैया को भोपाल लेकर आए और अस्पताल में भर्ती कराया गया। शाम छह बजे उनकी मौत हो गई।
रिकवरी एजेंट कर रहा था परेशान
जितेंद्र ने बताया कि बड़े भैया हेमंत ने अलग-अलग छह फायनेंस कंपनी और बैंक से करीब 35 लाख रुपए का लोन लिया था। किश्त हर महीने 80 हजार रुपए थी। इसकी कुछ किश्त जमा भी हो गई थी। व्यापार में मंदी आने से रिकवरी एजेंट परेशान करने लगे। दो महीने में रिकवरी एजेंट कई बार घर आए। रास्ते में भी भैया को परेशान करते थे। जितेंद्र ने रिकवरी एजेंट पर सवाल उठाते हुए कहा है कि अगर किश्त जमा नहीं हुई थी, तो कानूनी कार्रवाई करते, उन्हें जलील करना कहां तक उचित था।
वाट्सऐप पर भेजे वीडियो में बच्चों से मांगी माफी
जहर खाने के पहले हेमंत ने जितेंद्र के मोबाइल पर जो वीडियो भेजा था, उसमें बच्चों से माफी मांगी है। करीब डेढ़ मिनट के वीडियो में परेशानी का जिक्र करते हुए कहा है कि धीरज बेटे मुझे माफ कर देना, मैं तुम्हें एग्जाम सेंटर पर छोड़कर आ गया हूं। मम्मी, सरिता, निखिल, जितेंद्र मुझे माफ कर देना। इन लोन वालों की वजह से मैं मजबूर हो गया हूं मेरे बच्चों…।