अजान खरीदी की पूरी जिम्मेदारी कलेक्टरों और तहसीदारों दी गई है, वे ही खेती का सत्यापन करेंगे और औसत पैदावर का आकलन कर अनाज खरीदी कराएंगे। सौ प्रतिशत किसानों के बैंक खाते आधार से लिंक कराया जाएगा और पंजीयन के साथ ही उनके आधार नम्बर भी लिए जाएंगे।
पीडीएस और व्यापारियों का अनाज समर्थन मूल्य में न बिक पाए, इस पर अंकुश लगाने के लिए ही नई उपार्जन नीति तैयार की जा रही है। प्रस्तावित नीति में उपार्जन में पटवारी की भूमिका अहम होगी।
पीडीएस और व्यापारियों का अनाज समर्थन मूल्य में न बिक पाए, इस पर अंकुश लगाने के लिए ही नई उपार्जन नीति तैयार की जा रही है। प्रस्तावित नीति में उपार्जन में पटवारी की भूमिका अहम होगी।
उन्हें अपने रिकॉर्ड में दर्ज करना होगा कि किस किसान के खेत में कौन सी फसल बोयी गई थी और उसमें अनुमानित पैदावार क्या है। अगर ओला-पाला प्रभावित क्षेत्र है तो उसका पूरा ब्यौरा देना होगा। फसल कटाई से पहले तहसील मुख्यालय और खरीदी केन्द्रों को यह जानकारी देना होगी। जिससे फसल बिक्री के समय रिकॉर्ड से उत्पादन का मिलान किया जा सके।
स्मरण रहे कि धान की खरीदी अब समाप्त हो चुकी है, अब गेहूं की खरीदी के लिए किसानों का पंजीयन और बोवनी का सर्वे शुरू कर दिया गया है। —- दस दिन पहले मिलेगा एसएमएस
खरीदी करने से दस दिन पहले किसानों को एसएमएस भेजा जाएगा। फसल बिक्री के लिए उन्हें तीन से पांच दिन का समय मिलेगा।
खरीदी करने से दस दिन पहले किसानों को एसएमएस भेजा जाएगा। फसल बिक्री के लिए उन्हें तीन से पांच दिन का समय मिलेगा।
अगर किसी कारण से वे फसल नहीं बेंच पाते हैं तो उन्हें बिक्री के लिए एक मौका और दिया जाएगा। खरीदी केन्द्रों पर किसानों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। ——–
केन्द्रों पर होगी ग्रेडिंग मशीन
केन्द्रों पर होगी ग्रेडिंग मशीन
सभी खरीदी केन्द्रों पर गे्रडिंग मशीन होगी। पहले अनाजों की ग्रेडिंग की होगी, इसके बाद ही उसे खरीदा जाएगा। फेयर एवरेट क्वालिटी (एफएक्यू) अनाज को ही किसानों से खरीद जाएगा। इसके लिए हर खरीदी केन्द्रों पर एक अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी।