पूजा को यह मौका सात अक्टूबर को होशंगाबाद रोड स्थित एक होटल में आयोजित प्रतियोगिता में भोपाल आइकॉन का खिताब जीतने के बाद मिला है। कॉन्टेस्ट मिस्टर एण्ड मिस टीन आइकॉन इंडिया- 2018 के ग्रैंड फिनाले में देशभर से 11 युवक और 11 युवतियां भाग लेंगी। मिस्टर एण्ड मिस टीन आइकॉन भोपाल – 2018 की विजेता पूजा नागर ने बताया कि उसके पिता भेल में क्रेन ऑपरेटर हैं। वेतन के नाम पर महज दस हजार रुपए मिलते हैं।
परिवार के सभी सदस्य पिता के वेतन पर निर्भर हैं। बड़ा भाई विनीत नागर पीजी की पढ़ाई पूरी कर चुका है। जॉब की तलाश में इधर-उधर भटक करा है। छोटा भाई अमर नागर 11वीं की पढ़ाई कर रहा है। परिवार की आर्थिक स्थित कमजोर होने को लेकर पूजा ने खुद ऑनलाइन वीडियो शेयरिंग से पैसे एकत्रित किए और मॉलडिंग शुरू की। एक साल में पूजा ने सफलता प्राप्त कर ली।
पिता की नौकरी जाने के बाद बढ़ा अर्थिक संकट
पूजा ने बताया कि पिता राजेश नगार पहले मंडीदीप स्थित एक कंपनी में क्रेन ऑपरेटर थे। चार साल पहले 2014 में जिस कंपनी में काम कर रहे थे वह अचानक बंद हो गई। पिता को छह महीने का वेतन नहीं मिला और नौकरी भी चली गई। परिवार के सामने बड़ा आर्थिक संकट था, इसके बाद भी हिम्मत नहीं हारी।
एक साल के अनुभव से बनाया मुकाम
पूजा ने बताया कि उसे बचपन से ही मॉडलिंग का शौक था, लेकिन इस फील्ड में बहुत पैसे की जरूरत होती है। परिवार की स्थित ऐसी नहीं थी कि वह मॉडलिंग कर पाती। ऐसे में ऑनलाइन वीडियो शेयर कर कुछ पैसे कमाए और मॉडलिंग शुरू कर दी। पिता की नौकरी जाने के बाद पढ़ाई छोडऩे का भी मन बनाया, लेकिन माता-पिता ने हिम्मत दी और उसने आर्थिग तंगी के दौर में भी अपनी पढ़ाई जारी रखी।