scriptउपचुनाव: भाजपा को 27 सीटों पर 4.15 लाख के पिछली बार हार वाले वोट पाने होंगे, कांग्रेस को यह बचाना जरूरी | by polls: Vote Analysis of BJP and Congress | Patrika News

उपचुनाव: भाजपा को 27 सीटों पर 4.15 लाख के पिछली बार हार वाले वोट पाने होंगे, कांग्रेस को यह बचाना जरूरी

locationभोपालPublished: Sep 21, 2020 08:39:36 am

Submitted by:

Pawan Tiwari

एकमात्र आगर सीट भाजपा के खाते में गई थी। यहां भी जीत का अंतर सिर्फ 2490 वोट का था।

उपचुनाव: भाजपा को 27 सीटों पर 4.15 लाख के पिछली बार हार वाले वोट पाने होंगे, कांग्रेस को यह बचाना जरूरी

उपचुनाव: भाजपा को 27 सीटों पर 4.15 लाख के पिछली बार हार वाले वोट पाने होंगे, कांग्रेस को यह बचाना जरूरी

भोपाल. उपचुनाव भले ही 28 विधानसभा सीटों पर हों, लेकिन निर्वाचन की तारीखों से पहले पूरा राज्य चुनावमय हो गया है। दोनों प्रमुख दल भाजपा-कांग्रेस जीत का दंभ भर रहे हैं, लेकिन जीत आसान नहीं है। राज्य की जिन 28 सीटों पर आने वाले दिनों में उपचुनाव होगा, 2018 के चुनाव में उनमें से केवल एक सीट आगर भाजपा के पास थी। बाकी 27 सीटों पर कांग्रेस विधायक थे। इसलिए इन 27 सीटों पर जीत के लिए भाजपा को सबसे पहले वोटों का अंतर पाटना होगा। वहीं, कांग्रेस के सामने बढ़त वाले इन वोटों को बरकरार रखने की चुनौती होगी।
2018 के चुनाव में कांग्रेस, भाजपा के मुकाबले 4,15,228 ज्यादा वोटों से इन 27 सीटों पर जीती थी। एकमात्र आगर सीट भाजपा के खाते में गई थी। यहां भी जीत का अंतर सिर्फ 2490 वोट का था। इस बार दल-बदल के कारण दोनों ही पार्टियों के सामने इन वोटों के अंतर को पाटने और बचाने की चुनौती ज्यादा बड़ी है। प्रदेश भाजपा के महामंत्री भगवानदास सबनानी का कहना है कि संगठन जमीनी तौर पर काम करता है, इसलिए वोट लगातार बढ़ रहे हैं। कांग्रेस के महामंत्री राजीव सिंह ने कहा, पिछली बार से हमें ज्यादा वोट मिलेंगे।
किस पार्टी की क्या रणनीति
भाजपा: वोट का अंतर पाटने के लिए भाजपा कई समीकरण साध रही है। पिछली बार जो कांग्रेस प्रत्याशी जीते थे, वे अब उसके साथ हैं, तो उनका वोट बैंक भी भाजपा के साथ होगा। साथ ही नाराज नेताओं को साधकर पुराने वोट बैंक को बिखरने से बचाने के लिए भाजपा पूरा जोर लगा रही है। दावा है कि सिंधिया के आने के बाद 1 लाख से अधिक पार्टी से जुड़े हैं।
कांग्रेस: कांग्रेस का मानना है कि 4.15 लाख वोट की जीत का अंतर उसके परंपरागत वोट बैंक का था। इसलिए वह उससे जुड़ा रहेगा। केवल प्रत्याशी के जाने से वोट पर इतना अंतर नहीं आएगा। प्रत्याशी के साथ जो वोट बैंक कांग्रेस से छिटकेगा, उसके लिए भाजपा के नेताओं को तोड़कर चुनाव में उतारकर वोटों का धुव्रीकरण करने का प्रयास किया जा रहा है।
सीटभाजपाकांग्रेसवोटों का अंतर
डबराकप्तान सिंहइमरती देवी57446
भांडेररजनी प्रजापतिरक्षा सरोनिया39896
मेहगांवराकेश शुक्लाओपीएस भदौरिया25814
गोहदलाल सिंह आर्यरणवीर जाटव23989
ग्वालियरजयभान सिंह पवैयाप्रद्युम्र सिंह तोमर21044
ग्वालियर पूर्वसतीश सिकरवारमुन्नालाल गोयल17819
मुरैनारुस्तम सिंहरघुराज सिंह कंसाना20849
दिमनीशिवमंगल तोमरगिरीराज दंडोतिया18477
करैराराजकुमार खटीकजसवंत जाटव14824
पोहरीप्रहलाद भारतीसुरेश धाकड़7918
सुमावलीअजब सिंह कुशवाहएंदल सिंह कंसाना13313
मुंगावलीकेपी यादवबृजेंद्र सिंह यादव2136
अंबाहगब्बर सिंहकमलेश जाटव7547
बमोरीबृजमोहन आजादमहेंद्र सिसोदिया27920
अशोकनगरलड्डूराम कोरीजयपाल सिंह9730
जौरासूबेदार सिंहबनवारीलाल शर्मा15173
बदनावरभंवर सिंह शेखावतराज्यवर्धन सिंह41506
हाटपिपल्यादीपक जोशीमनोज चौधरी13519
सांवेरराजेश सोनकरतुलसी सिलावट2945
सुवासराराधेश्याम पाटीदारहरदीप सिंह डंग350
मांधातानरेंद्र सिंह तोमरनारायण पटेल12236
नेपानगरमंजू दादूसुमित्रा कासडेकर1264
सुरखीसुधीर यादवगोविंद सिंह राजपूत21418
बड़ा मलेहराललिता यादवप्रद्युम्र सिंह लोधी15779
अनूपपुररामलाल रौतेलबिसाहूलाल सिंह11561
सांचीमुदित शेजवारप्रभुराम चौधरी10813
ब्यावरानारायण पवारगोवर्धन दांगी826
आगर-मालवा एकमात्र सीट भाजपा के पास थी यहां से भाजपा के मनोहर उंटवाल ने कांग्रेस के विपिन बानखेड़े को 2490 वोटों से हराया था।
फैक्ट
28 सीटों पर 2018 के चुनाव की स्थिति

2025648- वोट कांग्रेस को मिले

1610420- वोट भाजपा को मिले

415228- वोट भाजपा को कम मिले

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