मालूम हो कि 24 सितंबर को निशातपुरा पुलिस ने नीमा, रुबीना सहित दो निगरानी बदमाशों को किया गिरफ्तार किया था। पुलिस का दावा था कि युवतियां, निगरानी बदमाश अयोध्या नगर थाने के तत्कालीन टीआई हरीश यादव से मिलीभगत कर अपने अड्डे पर बुलाते हैं। इसके बाद आने वाले लोगों पर दुष्कर्म का केस दर्ज करने की धमकी देकर मोटी रकम ऐंठता है। आईजी योगेश देशमुख ने शनिवार को टीआई के खिलाफ कार्रवाई के लिए सागर आईजी को पत्र लिखा था। इसके बाद एसपी ने उन्हें निलंबित कर दिया।
प्रधान आरक्षक के बाद खुद कालगर्ल से कर बैठे ‘दोस्ती’
ब्लैकमेलिंग गैंग से लिप्तता के आरोप में निलंबित अयोध्या नगर थाने के प्रधान आरक्षक रूबन राजू ने कालगर्ल से मिलकर ब्लैकमेल का धंधा शुरू किया था। राजू ने टीआई से मिलकर चार मामलों की डील कराई थी। इसके बाद टीआई खुद कालगर्ल से मिलकर ब्लैकमेल का धंधा करने लगे। प्रधान आरक्षक को किनारे कर दिया गया।
टीआई हरीश यादव समेत अन्य छह पुलिसकर्मियों कुंडली खंगाली जा रही है। इसके लिए डीआईजी भोपाल को पत्र लिखा है। निलंबित टीआई कहां-कहां पदस्थ रहे, कितनी महिलाओं के संपर्क में रहे, पदस्थापना के दौरान दर्ज किए केसों का परीक्षण कराया जा रहा है। सबूत मिलने पर अपराधिक केस दर्ज किया जाएगा। – योगेश देशमुख, आईजी
कालगर्ल, पुलिस और गुंडों का गठजोड़
नीपा धोटे उर्फ प्रिया उर्फ नुपुर विश्वास (29) हीरापुर जिला बैतूल की रहने वाली। दुष्कर्म करने की शिकायत कर व्यापारियों से रकम ऐंठती थी।
रिवाना उर्फ आबी उर्फ रिजवाना बेग (22) नवाब कॉलोनी न्यूज सब्जी मंडी करोंद में रहती है। ग्राहकों को फंसाती थी ।
रूपनारायण गिरी (44) विजय लक्ष्य होम्स खजूरी कलां में रहता है। निगरानी बदमाश। शिकार से रकम वसूलना। अयोध्या नगर थाने में पदस्थ रहे रूबन राजू का करीबी।
4. दीपांकर मण्डल (43) आरके इन्कलेव बागमुगालिया। पुलिसकर्मियों की मदद से अडड्डे पर आने वाले लोगों से अड़ीबाजी और वसूली करना।
इन चार तरीकों से जाल में फंसाती थी गैंग
पुलिस: टीआई से लेकर कई पुलिसकर्मियां की लिप्तता। अड्डे पर ग्राहक के पहुंचते ही उसे जेल भेजने का डर दिखाकर संबंधित व्यक्ति से रुपए ऐंठते थे।
वीडियो: गैंग के सदस्य अड्डे पर आने वाले ग्राहकों के कॉलगर्ल के साथ वीडियो बना लेते हैं। ये वीडियो पुलिसकर्मियों को देकर डील की जाती है।
झूठा मुकदमा: कई लोग गैंग से संपर्क करते हैं। दुश्मन को दुष्कर्म के झूठे केस में फंसाने के लिए सुपारी देते थे।
समझौता: झूठे मुकदमों में फंसे व्यक्ति के जेल से छूटने के बाद गिरोह के सदस्य उससे संपर्क करते थे। कॉलगर्ल से कोर्ट में बयान बदलने का वादा कर डील कराते थे।