वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ और अधिवक्ता राजेश चंद ने तर्क दिया कि बीएमएचआरसी (भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर) में डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ के साथ संसाधनों का अभाव है। मामले में हाईकोर्ट की ओर से गठित की गई मॉनीटरिंग कमेटी की ओर से पेश 17 वीं रिपोर्ट में कहा गया कि बीएमएचआरसी में कैंसर के इलाज की सुविधा नहीं है।
केन्द्र सरकार की ओर से अधिवक्ता विक्रम सिंह ने बताया कि बीएमएचआरसी में डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया शुरू की गई है। जल्द ही नियुक्तियां की जाएंगी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने गैस पीडि़त कैंसर मरीजों का एम्स भोपाल में नि:शुल्क इलाज करने का निर्देश दिया है।