इस रेस का आयोजन इंपीरियल सोसायटी ऑफ इनोवेटिव इंजीनियर्स, इंडिया (आईएसआईई) की ओर से किया जा रहा है। रेस 3 राउंड में 27 जनवरी तक चलेगी।
भोपाल। राजधानी के रातीबड़ स्थित आरपीएम इंटरनेशनल रेसिंग सर्किट में हाइब्रिड कारों की धुआंधार रेस का रोमांचक मुकाबला शहरवासियों को देखने को मिलेगा। देश में दूसरी बार आयोजित हो रहे सबसे बड़ी और अनूठी रेस में देशभर के जाने-माने आईआईटी, एनआईटी और अन्य कॉलेजों के विद्यार्थियों की लगभग 53 टीमें हिस्सा लेंगी। विजेताओं को कैश प्राइज दिया जाएगा। इस रोमांचक मुकाबले को देखने 5000 लोगों की भीड़ जमा होगी।
इस रेस का आयोजन इंपीरियल सोसायटी ऑफ इनोवेटिव इंजीनियर्स, इंडिया (आईएसआईई) की ओर से किया जा रहा है। रेस 3 राउंड में 27 जनवरी तक चलेगी। आखिरी मुकाबले के दिन स्पीड क्वीन ऑफ इंडिया मीरा इरडा भी आयोजन में हिस्सा लेंगी।
हाइब्रिड कारों पर रिसर्च
दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां भी हाइब्रिड कारों पर रिसर्च कर रही हैं। कई बड़ी कंपनियों ने तो ऐसी कारें विकसित भी कर ली हैं। देश में ऑटोमोबाइल दुनिया का भविष्य हाइब्रिड वाहनों पर ही निर्भर होगा। ये कारें न केवल इंजीनियरिंग का अनूठा उदाहरण हैं बल्कि पर्यावरण बचाने के उपायों और संभावनाओं का संदेश भी देंगी। ये हाइब्रिड कारें इंजन और इलेक्ट्रिकल मोटर्स का कॉम्बिनेशन है। इंजन की स्पीड स्लो होने पर मोटर ऑटोमेटिकली स्टार्ट हो जाएगी।
ये रहेगा शेड्यूल
– 25 जनवरी: ओपनिंग सेरेमनी, कारों के वेट टेस्ट, डिजाइन, इनोवेशन, कॉस्ट रिपोर्ट, ब्रेक टेस्ट और टेक्निकल जांच।
– 26 जनवरी: बी और ए टेस्ट, स्किड पैड और ऑटो क्रॉस
– 27 जनवरी: फ्यूल इकोनॉमी टेस्ट
6 लाख तक में तैयार की गईं स्पोर्ट्स कारें
इन स्पोट्र्स कारों की खासियत है कि इनसे न तो धुआं निकलेगा और न ही किसी तरह का प्रदूषण होगा। ये कारें स्टूडेंट्स ने बिना किसी प्रोफेशनल हेल्प के खुद डिजाइन की हैं। भोपाल के भी 3 कॉलेज मैनिट, एलएनसीटी और एक्रोपोलिस की टीमें भी हाइब्रिड कारों की रेस में हिस्सा ले रही हैं। इन ईको फ्रेंडली कारों को बनाने में 1.5 लाख से 6 लाख तक का खर्च आएगा।