मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ के खिलाफ बिहार के मुजफ्फरपुर कोर्ट में एक परिवाद दायर किया गया है। आरटीआई एक्टिविस्ट तमन्ना हाशमी की शिकायत पर यह केस दर्ज हुआ है। इसमें उनके बयान का उल्लेख किया गया है। दरअसल, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शपथ लेने के थोड़ी देर बाद ही कर्ज माफी के साथ ही कंपनियों को 70 फीसदी नौकरी स्थानीय लोगों को देने पर इंसेंटिव (छूट) देने की बात कही थी। साथ ही यह भी कह दिया था कि उत्तरप्रदेश और बिहार जैसे राज्यों के लोगों के कारण मध्यप्रदेश के स्थानीय युवाओं को नौकरी नहीं मिल पाती है।
बयान के बाद गर्माई राजनीति
कमलनाथ के इस बयान के बाद उत्तरप्रदेश और बिहार में राजनीति गर्माई हुई है। वहां के कई नेताओं ने नाथ के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
तिवारी ने यह भी कहा कि बिहारी सब पर भारी होते हैं। हम बिहारी हैं और गर्व के साथ कहते हैं कि हम बिहारी हैं। तिवारी ने कहा कि किसी भी पार्टी का कोई भी नेता हो हमारा मानना है कि बिहारियों के लिए इस तरह के बोल कोई भी न बोलें।
बयान पर बवाल
नाथ के बयान पर बिहार भाजपा के अध्यक्ष नित्यानंद राय ने कहा कि बिहार के लोगों पर कमलनाथ का बयान घोर निंदनीय है। सरकार में आए दो दिन ही हुए है और कांग्रेस का अहंकार दिखने लगा है। राय ने कहा कि उनका मूल चरित्र खोल से बाहर आने लगा है। कांग्रेस ने सत्ता में आते ही मध्यप्रदेश में क्षेत्रवाद का बीज बो दिया है।
-उधर, बिहार में जनता दल (युनाइटेड) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के के बयान को संघीय ठांचे पर हमला बताया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी हर दिन संविधान बचाने का प्रलाप करते हैं और उनके मुख्यमंत्री क्षेत्रीयता को बढ़ावा देने की बात कह रहे हैं।