इस सूचना के सामने आते ही छात्र छात्राओं सहित उनके अभिभावकों ने भी खुशी का इजहार किया है।
अब तक बच्चे लगातार पढ़ाई में ही घुसे रहते थे, परीक्षा पेटर्न ऐसा था कि कई बार बच्चों को समय की कमी तक महसूस होती थी। लेकिन जैसी सूचना सामने आ रही है। ये बच्चों के लिए राहत भरी रहेगी और उन्हें पर्याप्त समय परीक्षा के लिए मिलेगा।
– आरपी सिंह, अभिभावक भोपाल
वस्तुनिष्ठ सवालों की संख्या बढ़ने से बच्चों को लाभ ही मिलेगा। समय की कमी दूर होने के साथ ही बच्चों में का आत्मविश्वास बढ़ेगा और उन्हें परीक्षा में ज्यादा नंबर में मदद मिलेगी।
– वीना शर्मा, अभिभावक व हाउस वाइफ ग्वालियर
नया परीक्षा पेटर्न हमें कई तरह से मदद करेगा। एक ओर जहां वस्तुनिष्ठ सवालों की संख्या बढ़ने से हमें इसे हल करने में आसानी रहेगी। वहीं इससे हमें समय भी पर्याप्त मिल सकेगा।
– मोनिका अग्रवाल, छात्रा
इस साल 13 लाख परीक्षार्थी…
इस साल करीब 13 लाख परीक्षार्थियों ने 12वीं क्लास की परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया है। वहीं 10वीं क्लास की परीक्षा के लिए 18 लाख परीक्षार्थी शामिल होंगे। परीक्षा 15 फरवरी से शुरू होगी, जो पिछले साल की तुलना में 15 दिन पहले हो रही है। वोकेशनल परीक्षाएं फरवरी के आखिर तक पूरी हो जाएंगी और मार्च में शैक्षणिक विषयों पर परीक्षा आयोजित की जाएगी।
ऐसे समझें पूरा मामला…
फिलहाल परीक्षा पत्र में 10 फीसदी तक वस्तुनिष्ठ सवाल होते हैं। बोर्ड सूत्रों के अनुसार इस साल वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की संख्या बढ़ाकर 25 फीसदी तक की जा रही है। इससे परीक्षार्थियों का आत्मविश्वास बढ़ेगा और उन्हें परीक्षा में ज्यादा नंबर में मदद मिलेगी।
वहीं सामने आ रही जानकारी के अनुसार इस बार अगर कोई विद्यार्थी किसी सवाल को लेकर संशय में है, तो उसके पास सवालों का जवाब देने के लिए 33 फीसदी ज्यादा सवाल होंगे।”
इस साल परीक्षार्थी ज्यादा संरचित (स्ट्रक्चर्ड) प्रश्न पत्रों की अपेक्षा कर सकते हैं। हर पेपर को उप-वर्गों में विभाजित किया गया है।
ऐसे समझें…
जैसे सभी वस्तुनिष्ठ प्रश्नों को एक जगह वर्ग में रखा जाएगा। इसके बाद ज्यादा नंबर के सवाल एक जगह होंगे। दरअसल माना जा रहा है कि मौजूदा समय में वस्तुनिष्ठ सवालों को छोड़कर अन्य सवाल वर्गों में नहीं बंटे होते और किसी भी क्रम में पूछे जा सकते हैं। विद्यार्थी ज्यादा व्यवस्थित तरीके से परीक्षा दे पाएंगे।”
प्रश्न पत्र लीक को रोकने के लिए भी इस बार विशेष कदम उठाए गए हैं। ‘संवेदनशील चीजों’ को इक्टठा करने के लिए नियक्त सेंटर सुप्रीटेंडेंट मोबाइल एप्लीकेशन का उपयोग करेंगे जिससे उन पर रियल टाइम में निगरानी की जा सकेगी।