सीबीएसई की ओर से एक मॉनीटरिंग कमेटी बनाई गई है। यह टीम शहर के साथ-साथ देशभर के सभी सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों का जायजा लेगी। यदि किसी स्कूल खामियां नजर आती हैं, तो बोर्ड उस स्कूल की मान्यता रद्द कर सकता है। स्कूलों में विजिटर्स के लिए इस सत्र से विशेष ध्यान रखा जाएगा।
उनके लिए जेनेरिक टैग्स और स्टूडेंट्स के लिए हाथ से लिखी स्लिप और परमिशन स्लिप का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे विजिटर्स की सूचनाओं का रिकॉर्ड तैयार होगा। विजिटर के लिए फोटो आईडी के साथ डिजिटल विजिटर मैनेजमेंट सिस्टम स्कूलों में लागू किए जाएंगे।
ये होंगे नए बदलाव – स्कूल कैंपस के बाहर और भीतर के सभी संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाएं।
– स्कूलों में टीचिंग के साथ नॉन-टीचिंग स्टॉफ जैसे कि बस ड्राइवर्स, कंडक्टर, चपरासी और अन्य सपोर्ट स्टॉफ की नियुक्ति अधिकृत एजेंसियों से करें। बीच सत्र में बदलाव होने पर उसकी सूचना भी अपडेट करना होगी।
– स्कूलों में स्टाफ पैरेंट्स और स्टूडेंट्स की शिकायतों के निवारण के लिए अलग-अलग समितियां बनाई जाएं। यौन उत्पीडऩ से जुड़ी शिकायतों पर सुनवाई के लिए एक आंतरिक समिति गठित की जाएगी। समिति में महिला सदस्य अनिवार्य रूप से होंगे।
– समिति को शिकायत मिलते ही तत्काल उस मामले की जांच करना होगी। दोषियों के खिलाफ हुई कार्यवाही का पूरा ब्यौरा भी रखना होगा।
– स्कूलों में टीचिंग के साथ नॉन-टीचिंग स्टॉफ जैसे कि बस ड्राइवर्स, कंडक्टर, चपरासी और अन्य सपोर्ट स्टॉफ की नियुक्ति अधिकृत एजेंसियों से करें। बीच सत्र में बदलाव होने पर उसकी सूचना भी अपडेट करना होगी।
– स्कूलों में स्टाफ पैरेंट्स और स्टूडेंट्स की शिकायतों के निवारण के लिए अलग-अलग समितियां बनाई जाएं। यौन उत्पीडऩ से जुड़ी शिकायतों पर सुनवाई के लिए एक आंतरिक समिति गठित की जाएगी। समिति में महिला सदस्य अनिवार्य रूप से होंगे।
– समिति को शिकायत मिलते ही तत्काल उस मामले की जांच करना होगी। दोषियों के खिलाफ हुई कार्यवाही का पूरा ब्यौरा भी रखना होगा।