इसमें अब वही गल्र्स आवेदन कर पाएंगी, जिन्होंने 10वीं बोर्ड एग्जाम में साइंस और मैथ्स में 70 फीसदी तक अंक प्राप्त किए हैं। सीबीएसई ने उड़ान प्रोजेक्ट की शुरुआत मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सहयोग से की थी। इसके तहत कक्षा 11वीं और 12वीं में विज्ञान और गणित से पढऩे वाली छात्राओं को बोर्ड की तरफ से इंजीनियरिंग की तैयारी करवाई जाती है।
कक्षा 12वीं की पढ़ाई के साथ-साथ ये छात्राएं इंजीनियरिंग की तैयारी में हर तरह की सुविधा बोर्ड द्वारा ही दी जाती है। इसके माध्यम से एक हजार गल्र्स का चयन किया जाएगा। उड़ान प्रोजेक्ट में इंजीनियरिंग की तैयारी करवाने के साथ-साथ जो छात्राएं आईआईटी या इंजीनियरिंग कॉलेज की पढ़ाई करना चाहती हैं उन्हें बोर्ड छात्रवृत्ति देगा।
वैकल्पिक विषय के तौर पर होगा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस भविष्य में तकनीकी क्षेत्र में स्टूडेंट्स को दक्ष करने के लिए सीबीएसई आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) को वैकल्पिक विषय के तौर पर लाने जा रहा है। एआई, डेटा एनालिसिस और मशीन लर्निंग जैसे पाठ्यक्रमों को शामिल करने की सीबीएसई के कौशल शिक्षा और प्रशिक्षण विभाग ने सहमति दे दी है। पहले इसे 8वीं से 10वीं तक शुरू करने का प्रस्ताव है, बाद में इसे कक्षा 12वीं तक भी किया जा सकता है। बता दें, देश में सीबीएसई एफिलिएटेड 22 हजार 299 स्कूल हैं, जबकि भारत के अलावा अन्य देशों में भी 220 स्कूल हैं।
फ्री ऑनलाइन ट्यूटर की सुविधा भी मिलेगी छात्राओं को जेईई की तैयारी के संबंध में कोई परेशानी नहीं आए, इसके लिए बोर्ड ने फ्री ट्यूटर की सुविधा भी शुरू की है। इसके लिए सीबीएसई स्कूलों में नियुक्त विषय विशेषज्ञ टीचर्स पढ़ाएंगे। इसके लिए सीबीएसई देशभर से शिक्षकों का चयन करेगी। इसके लिए आवेदन सीबीएसई की वेबसाइट पर कर सकते हैं। इसके अलावा इन टीचर के वीडियो को ऑनलाइन भी अपलोड किया जाएगा। वहीं गल्र्स को किताबों की दिक्कत न हो, इसके लिए बोर्ड ऑनलाइन किताबें उपलब्ध करवाएगा। बोर्ड की वेबसाइट पर ही संबंधित विषयों की किताबें ऑनलाइन होंगी। इसके अलावा छात्राएं बोर्ड से ऑफलाइन किताबें भी मंगवा सकती हैं।