कैमरा लगाने के पीछे की बड़ी वजह यह कि जो अपराधी शहर में अपराध कर फरार हो जाते हैं, उनका पता चल सकेगा कि वह किसी रास्ते से निकले हैं। वहीं, शहर में प्रवेश करने वालों की भी नजर इस पर रहेगी। पुलिस सप्ताहभर के अंदर इस प्रोजेक्ट का शुभारंभ कर देगी।
100 फे्रम प्रति सेकंड पिक्चर लेने वाला कैमरा
छह जगहों पर एक-एक कैमरा लगाया जाएगा। कीमत दो लाख रु. है। कैमरा 100 फे्रम प्रति सेकंड पिक्चर लेने वाला है। फुटेज की जांच में व्यक्ति, वाहन की पहचान अच्छे से हो सकेगी।
1150 कैमरे, 70 फीसदी हैं खराब
शहर में अलग प्रोजेक्ट के तहत 1150 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इनमें 70त्न से अधिक कैमरों में तकनीकी खरीबी है। जो कैमरे चालू हूं, उनका रिज्यूलेशन ठीक नहीं है।
नाका चेकिंग में लापरवाही नहीं होगी
शहर के छह स्थानों पर पुलिस अकसर चेकिंग करती है। कैमरे इंटरनेट एक्सेसेवल होने की वजह से अधिकारी मौके की लाइव तस्वीर देख सकेंगे। इससे चेकिंग पुलिसकर्मी लापरवाही नहीं बरत सकेंगे। लापरवाही पर अधिकारियों की पल-पल की नजर रहेगी।
इन स्थानों पर लगाए जाएंगे कैमरे
मिसरोद में ग्यारह मील के पास।
रातीबड़ के सूरज नगर पुलिस चौकी के पास।
खजूरी थाना के सामने।
परवलिया थाने के पास।
सूखी सेवनिया थाने के पास।
पुलिस ने शहर के ऐसे छह एंट्री-एग्जिट पॉइंट चिह्नित किए हैं, जहां सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। जल्द ही यह प्रोजेक्ट शुरू हो जाएगा।
– निश्चल झारिया, एएसपी क्राइम ब्रांच