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अशुभ योगों के साथ आएगा 21वीं सदी के सबसे लंबे पूर्ण चंद्रग्रहण

locationभोपालPublished: Jun 24, 2018 08:18:23 am

Submitted by:

Bhalendra Malhotra

राशियों पर होगा नकारात्मक प्रभाव, 3.54 घंटे रहेगा प्रभाव, ज्योतिषीय दृष्टिकोण से अच्छा नहीं माना जाता है। इस ग्रहण के कारण प्राकृतिक आपदाओं की आशंका बढ़ेगी।

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अशुभ योगों के साथ आएगा 21वीं सदी के सबसे लंबे पूर्ण चंद्रग्रहण

भोपाल. इस साल का दूसरा पूर्ण चन्द्र ग्रहण 27 जुलाई को पड़ रहा है। खास बात यह है कि इस सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण अशुभ योगों के साथ आएगा। बृह्म ज्योतिष संस्थान के पंडित जगदीश शर्मा के अनुसार, मकर राशि के केतू के साथ चंद्रमा का प्रभाव और राहू से उसका समसप्तक दृष्टि संबंध होगा। साथ ही शनि व मंगल का वक्री होना अपने आप में विशेष घटना है। ग्रहण के ही दिन इस प्रकार के अशुभ योगों का बनना ज्योतिषीय दृष्टिकोण से अच्छा नहीं माना जाता है। इस ग्रहण के कारण प्राकृतिक आपदाओं की आशंका बढ़ेगी।

गौरतलब है कि यह इस साल का दूसरा चंद्रग्रहण है। इससे पहले 31 जनवरी को खग्रास चंद्र ग्रहण पड़ा था। पंडित जगदीश शर्मा ने बताया कि इस चंद्रग्रहण के दिन विभिन्न अशुभ योगों के कारण प्राकृतिक आपदा से नुकसान भी हो सकता है। खास चंद्रग्रहण उत्तरा आषाढ़ व श्रवण नक्षत्र तथा मकर राशि में होगा। ऐसे में जिनका जन्म नक्षत्र उत्तरा आषाढ़ एवं श्रवण नक्षत्र व जन्म राशि और लग्न मकर है, उनके लिए विशेष अशुभ है। इसलिए ऐसे लोगों को चंद्रग्रहण के दौरान संभलकर रहना होगा।

इस कारण होगा इतना लंबा चंद्रगहण
पृथ्वी की छाया के मध्य से चंद्रमा के सीधे गुजरने के कारण यह समय इतना लंबा होगा। इस दौरान सूर्य से अधिकतम दूरी पर होने के कारण पृथ्वी की छाया का आकार बड़ा होगा। ऐसा पहली बार होगा जब 15 जून, 2011 के बाद पहला केंद्रीय चंद्र ग्रहण होगा।

चंद्रग्रहण कब पड़ता है?

जब पृथ्वी की छाया चंद्रमा से गुजरती है। पृथ्वी की छाया चंद्रमा के हिस्से को कवर करती है, तो चंद्रग्रहण लगता है। जब चंद्रमा का पूरा हिस्सा उस छाया के अंदर कवर हो जाता है तो पूर्ण चंद्रग्रहण लगता है और आंशिक रूप से कवर होता है उसे अद्र्ध चंद्रग्रहण कहते हैं। छाया के अंदर कवर होने से चंद्रमा उस वक्त अंधेरामय लगता है।

राशियों पर यह पड़ेगा चंद्रग्रहण का असर

मेष,सिंह, वृश्चिक, मीन राशि वालों के लिए ठीक रहेगा।
वृष,कर्क,कन्या,धनु राशि के लिए मध्यम फल देने वाला

मिथुन,तुला,मकर व कुंभ राशि वालों के लिए अशुभ रहेगा।
ये है ग्रहण का समय
ग्रहण पर्व काल- 3.54 घंटे

(सूतक – आषाढ़ पूर्णिमा बुधवार 27 जुलाई को ग्रहण प्रारंभ होने (स्पर्श) के तीन प्रहर (9घंटा) पहले प्रारंभ होगा।)
ग्रहण स्पर्श- रात 11.55 बजे

ग्रहण सम्मिलन- रात 1 बजे मध्य- रात 1.52 बजे, उन्मूलन- रात 2.54 बजे
मोक्ष- तड़के 3.55 बजे

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