scriptमास्टर प्लान 2005 में बदलाव, शहर में कहीं भी बन सकेंगे मैरिज गार्डन | Change in Master Plan 2005, will be built anywhere in the city, Marria | Patrika News

मास्टर प्लान 2005 में बदलाव, शहर में कहीं भी बन सकेंगे मैरिज गार्डन

locationभोपालPublished: Aug 07, 2018 07:55:53 am

Submitted by:

Rohit verma

मल्टीप्लेक्स और मॉल के लिए भी राह आसानकोलार, अवधपुरी और एयरपोर्ट के आसपास के क्षेत्र को होगा फायदा

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मास्टर प्लान 2005 में बदलाव, शहर में कहीं भी बन सकेंगे मैरिज गार्डन

भोपाल. राजधानी में अब आवासीय, व्यावसायिक और कृषि भूमि पर मैरिज गार्डन बनाए जा सकेंगे, लेकिन पार्किंग का ध्यान रखना होगा। इधर, बड़ा तालाब के कैचमेंट में बने तमाम मैरिज गार्डन अवैध हो जाएंगे। भोपाल मास्टर प्लान 2005 में बदलाव के बाद नए नियम लागू हो जाएंगे।
सरकार ने प्रारूप को अंतिम रूप दे दिया है, जल्द नोटिफिकेशन होगा। व्यावसायिक क्षेत्र में सामुदायिक केन्द्र की जमीन पर मल्टीप्लेक्स और मॉल के लिए रास्ता भी खुल जाएगा। इसका फायदा कोलार, अवधपुरी और एयरपोर्ट के आसपास के क्षेत्र को होगा। प्लान में तालाब किनारे मैरिज गार्डन के प्रावधानों में बदलाव प्रस्तावित था। लेक फ्रंट के मैरिज गार्डन को वैध करने पर कमेटी सदस्य जनप्रतिनिधि व अफसर एक राय नहीं थे।
अफसरों का कहना है कि लेक फ्रंट पर मैरिज गार्डन अमान्य किए जाएं। इनसे प्रदूषण हो रहा है, तो सीजन में लालघाटी से बैरागढ़ तक जाम लगता है। जनप्रतिनिधियों का कहना है कि मैरिज गार्डन को लो-डेंसिटी वाले प्रावधान का लाभ दिया जाए। इसमें वे कुल प्लॉट का मात्र 0.6 परसेंट यूज कर पाएं। नगर तथा ग्राम निवेश ने प्रस्ताव में मैरिज गार्डन के नियमों में बदलाव नहीं किया। नोटिफिकेशन जारी होते ही सारे मैरिज गार्डन अवैध हो जाएंगे।

नए नियमों में ये सब भी शामिल
वेयर हाउस और कोल्ड स्टोरेज के लिए 12 मीटर चौड़ी रोड पर 1000 वर्ग मीटर जमीन हो। 40 फीसदी हिस्से पर ही इनका निर्माण किया जा सकेगा। अभी 10 फीसदी क्षेत्र पर निर्माण का अधिकार था।

पटाखा दुकान शहरी आबादी से 500 तो ग्रामीण से 4.5 किमी दूरी पर होगी। 1075 वर्ग फीट प्लॉट पर दुकान की अनुमति दी जाएगी। ग्राउंड फ्लोर पर 30 फीसदी में ही निर्माण हो सकेगा। शेष क्षेत्र खाली छोडऩा होगा।

दुकान के सामने 3 मीटर व बाकी तीनों ओर 1.5 – 1.5 मीटर क्षेत्र खाली छोडऩा होगा। अधिकतम ऊंचाई 4.5 मीटर होगी। ट्रांसफर डवलपमेंट राइट (टीडीआर) और ट्रांसफर ओरिएंटेड डवलपमेंट (टीओडी) के नए प्रावधान भी प्लान में शामिल होंगे। कृषि भूमि पर खुले मॉल बनाए जा सकेंगे।

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