72 हजार से ज्यादा प्ले स्कूल, प्री-नर्सरी स्कूल, केजी स्कूल आदि संचालित किए जा रहे -प्रदेश में 72 हजार से ज्यादा प्ले स्कूल, प्री-नर्सरी स्कूल, केजी स्कूल आदि संचालित किए जा रहे हैं. अभी तक इन्हें किसी भी मान्यता की जरूरत नहीं होती है पर इसे जरूरी किया गया है। नई व्यवस्था में सभी जिलों में महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी प्री-नर्सरी, केजी, किंडर गार्टन स्कूलों को मान्यता देंगे। ये ही ऐसे स्कूलों में औचक निरीक्षण और कार्रवाई भी करेंगे।
आंगनबाड़ी केंद्रों में तीन से छह साल के बच्चों को शाला पूर्व शिक्षा दी जाएगी- इसके साथ ही नीति के तहत अब आंगनबाड़ी केंद्रों में तीन से छह साल के बच्चों को शाला पूर्व शिक्षा दी जाएगी। बच्चों को पहली कक्षा के लिए बुनियादी तौर पर तैयार करने के उद्देश्य से यह कवायद की जा रही है। इन्हें शिशु विकास केंद्र,बाल संस्कार केंद्र या नर्सरी केंद्र के नाम से संचालित किया जाएगा। इसके लिए आंगनबाड़ी केंद्रों में अतिरिक्त कक्ष बनाए जाएंगे। बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक रखे जाएंगे और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी इसके लिए प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों में ही तीन से चार घंटे रखा जाएगा। यहां बच्चों को सुविधाजनक तरीके से सुलाने के लिए भी विशेष कक्ष बनाया जाएगा।