बड़ी ब्रांड के स्नैक्स स्टेशन पर ‘स्पेशली पैक्ड फॉर इंस्टीट्यूशनल’ लाइन के साथ बिक रहे हैं। पत्रिका ने पड़ताल में पाया कि दोनों पैकेट के वजन में 10 ग्राम का अंतर है, लेकिन कीमत में 5 रुपए का। 10 ग्राम वजन की कीमत नियमानुसार दो रुपए अधिक होनी चाहिए। यह खेल कई सालों से चल रहा है, लेकिन किसी रेल अधिकारी ने इसकी जांच नहीं की।
ऐसे समझें अवैध वसूली का गणित
भोपाल स्टेशन पर 22 वेंडिंग स्टॉल हैं। यहां एक स्टॉल का प्रतिदिन का बिजनेस 10 हजार रुपए है। यानी रोजाना 22 स्टॉल का बिजनेस 22 लाख का होता है। इसमें 50 फीसदी आय स्नैक्स से होती है। इनमें 20 फीसदी बिक्री पैक्ड नमकीन की है।
भोपाल स्टेशन पर 22 वेंडिंग स्टॉल हैं। यहां एक स्टॉल का प्रतिदिन का बिजनेस 10 हजार रुपए है। यानी रोजाना 22 स्टॉल का बिजनेस 22 लाख का होता है। इसमें 50 फीसदी आय स्नैक्स से होती है। इनमें 20 फीसदी बिक्री पैक्ड नमकीन की है।
यहां रोजाना 4.40 लाख रुपए कीमत के करीब 30 हजार नमकीन के पैकेट्स (ट्रेन और प्लेटफॉर्म पर) बिकते हैं। प्रति पैकेट तीन रुपए की अधिक लेने से रोजाना 90 हजार की वसूली होती है। हबीबगंज स्टेशन के 6 वेंडिंग स्टॉल पर प्रति स्टॉल 5 हजार के हिसाब से रोजाना 30 हजार की आय होती है।
इसमें 6 हजार रुपए कीमत के करीब 400 नमकीन के पैकेट्स बिकते हैं। प्रति पैकेट तीन रुपए अधिक लेने से 1200 रुपए की वसूली होती है। इस तरह भोपाल और हबीबगंज स्टेशन पर यात्रियों से मासिक 27 लाख 36 हजार की वसूली की जाती है।
60 हजार यात्रियों का प्रतिदिन फुटफॉल है भोपाल स्टेशन पर ।
30 हजार यात्रियों का प्रतिदिन फुटफॉल है हबीबगंज स्टेशन पर ।
22 वेंडिंग स्टॉल हैं भोपाल स्टेशन पर ।
06 वेंडिंग स्टॉल हैं हबीबगंज स्टेशन पर।
30 हजार यात्रियों का प्रतिदिन फुटफॉल है हबीबगंज स्टेशन पर ।
22 वेंडिंग स्टॉल हैं भोपाल स्टेशन पर ।
06 वेंडिंग स्टॉल हैं हबीबगंज स्टेशन पर।
एक ही ब्रांड के प्रोडक्ट की एमआरपी स्टेशन परिसर के अंदर और बाहर अलग-अलग हैं तो इसकी जांच कराएंगे। स्टेशन पर जोनल स्तर पर अप्रूव्ड ब्रांड के फूड प्रोडक्ट एक ही एमआरपी पर बेचने का नियम है।
– अनुराग पटेरिया, सीनियर डीसीएम (कमर्शियल) भोपाल डिवीजन
– अनुराग पटेरिया, सीनियर डीसीएम (कमर्शियल) भोपाल डिवीजन