जानकारी के लिए बता दें कि राजधानी भोपाल में हरी झंडी दिखाकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज इस यात्रा की शुरुआत की है। यह एनर्जी स्वराज यात्रा दो लाख किमी की रहेगी। अब चेतन सोलंकी अगले 11 सालों तक घर-परिवार से दूर रहकर लोगों के बीच ही रहेंगे और लोगों को ट्रेनिंग भी देंगे। सोलंकी को राज्य सरकार ने सौर ऊर्जा का ब्रांड एंबेसेडर भी बनाया है।
काम के लिए छोड़ दी नौकरी
डॉ. सोलंकी अब लगभग 10 करोड़ लोगों को सौर ऊर्जा के उपयोग का प्रशिक्षण भी देंगे। आइआइटी मुंबई में प्रोफेसर रहे डॉ. सोलंकी ने इस काम के लिए नौकरी छोड़ दी है। वे कई सालों से सौर ऊर्जा के क्षेत्र में कार्यरत हैं और 30 देशों की यात्रएं कर चुके हैं। इतनी ही नहीं उनकी एक संस्था एनर्जी स्वराज फाउंडेशन भी है।
पत्नी का अहम योगदान
वहीं राजधानी के मिंटो हॉल में सीएम शिवराज ने कहा कि भोपाल में एनर्जी स्वराज यात्रा का शुभारंभ कर सौर ऊर्जा से चलित घर के मॉडल का लोकार्पण किया। सीएम ने कहा कि चेतन सोलंकी के त्याग में उनकी पत्नी का भी अहम योगदान है। सोलंकी एक अच्छा जीवन जी सकते थे, लेकिन वे सभी के लिए जी रहे हैं।
साथ रहेगा चार सदस्यीय दल
डॉ. सोलंकी के मुताबिक जिस तरह महात्मा गांधी ने ग्राम स्वराज की परिकल्पना की थी, वैसे ही लोगों को एनर्जी स्वराज को समझना होगा। यात्रा में सौर बस व एक सौर घर साथ में चलेंगें। इसमें चार सदस्यीय दल रहेगा। 11 मीटर लंबी सोलर बस में एक मीटिंग रूम, किचन, वाशरूम व ट्रेनिंग रूम रहेगा। साथ ही 360 वर्ग फीट का सौर घर रहेगा। इसमें टीवी, कूलर, एसी, वॉशिंग मशीन सहित अन्य घरेलू उपयोग का इलेक्ट्रॉनिक सामान रहेगा, जो पूरा सौर ऊर्जा से चलेगा।