वार्ड 85 के तहत आने वाले छान में एक आंगनबाड़ी केन्द्र का निर्माण लगभग चार वर्ष पूर्व किया गया था। इस बारे में आधिकारिक तौर पर बताया गया कि इस आंगनबाड़ी भवन का निर्माण तत्कालीन कलेक्टर के निर्देश पर 7.80 लाख रुपए की लागत से बीडीए से कराया गया था। भवन में दो कमरे, एक छोटा बरामदा बनाया गया है। एक कमरे के अंदर ही शौचालय और स्टोर भी बनाया गया है।
भोजपुर रोड पर आरआरजी परिसर से पहले बने इस आंगनबाड़ी केन्द्र का हाल देखने से ही पता चलता है कि यहां बच्चे कैसे आते होंगे। परिसर में बड़ी-बड़ी घास और झाड़-झंखाड़ उगे हैं। भवन में प्रवेश करते ही ऐसा लगता है कि पचासों वर्ष पुराना खंडहर हो। भवन में अंदर बड़ी-बड़ी दरारें हैं।
आंगनबाड़ी केन्द्र पर मौजूद कार्यकर्ता पार्वती मेहर ने बताया कि इस आंगनबाड़ी केन्द्र पर 80 बच्चे इनरोल्ड हैं। इसके सिवा विवाह, गर्भवती महिला, जन्म और मातृ-शिशु मृत्यु पंजीयन का काम भी किया जाता है। पार्वती ने बताया कि भवन का केवल एक ही कमरा प्रयोग किया जाता है।
दूसरे कमरे में काफी बड़ी दरारें हैं। हादसे के डर से बच्चों को उस कमरे में एक दिन भी नहीं बैठाया गया। शौचालय भी बंद पड़ा है। शौच के लिए बच्चे बाहर जाते हैं, जहां सांप-बिच्छू का खतरा रहता है। आसपास के लोगों का कहना है कि आंगनबाड़ी में गरीब लोगों के बच्चे जाते थे, लेकिन भवन की जर्जर हालत को देखते हुए कई लोगों ने बच्चे भेजने बंद कर दिए हैं।
छान आंगनबाड़ी भवन की स्थिति के बारे में उच्चाधिकारियों को बताया जा चुका है। आप उनसे बात कर लीजिए।
– उमेश सिंह, परियोजना अधिकारी, कोलार