इन दिनों चिकन पॉक्स, खसरा और डायरिया, आदि बीमारियों का खतरा बच्चों को बढ़ जाता है.
इन दिनों चिकन पॉक्स, खसरा और डायरिया, आदि बीमारियों का खतरा बच्चों को बढ़ जाता है. स्थिति यह है कि बड़े पैमाने पर लोग चेचक से पीडि़त हो रहे हैं। जिला अस्पताल लोग मरीज देखे जा सकते हैं। सतना के जिला अस्पताल के आंकड़े पर नजर डालें तो पिछले सोमवार से शनिवार तक करीब 52 से ज्यादा मरीज पहुंचे हैं। सभी का इलाज जारी है। कुछ मरीज ऐसे भी हैं, जो इलाज नहीं करा रहे हैं। दरअसल, चेचक को बड़ी माता के रूप में देखा जाता है। इसलिए पूजा-पाठ व झाड़-फूंक पर लोग ज्यादा भरोसा करते हैं। लेकिन ऐसे वक़्त में आपको इलाज कराना ज्यादा जरुरी है। जानिए चिकेन पॉक्स के लक्षण, कारण और उपचार…
चिकन पॉक्स के लक्षण
बच्चों को बुखार आना और दो दिनों तक रहना।
यह लाल उभरे दाने से शुरू होता है।
ये दाने बाद में फफोलों में बदल जाते हैं।
मवाद आने लगता है, मवाद फूटकर खुरदुरा हो जाता है।
यह मुख्य रूप से चेहरे, खोपडी, रीढ और टांगों पर दिखाई देती है।
इसमें तेज खुजली होती है।
भूख ना लगना, उल्टी होना इसका प्रमुख लक्षण है।
चिकन पॉक्स होने के कारण
-गंदा खाने या पानी का सेवन करने से या खुला खाद्य पदार्थ खाने से।
-अत्यधिक ठंड या गर्म होने से भी यह बीमारी होती है।
-बेरीसेला वायरस ठंड में ज्यादा सक्रिय होता है जो इस बीमारी का कारण है।
-जिसकी त्वचा ज्यादा संवेदनशील त्वचा होती है उसे चिकेन पॉक्स होने की ज्यादा संभावनाएं रहती है।
-ज्यांदा कड़े साबुन या ज्यादा देर तक स्नान करने से।
बच्चों में मां के दूध को एकाएक छोडकर अन्य खाद्य पदार्थ खिलाने से इंफेक्शन होता है।
डा: आदर्श वाजपेयी मेडिकल विशेषज्ञ बीएमएचआरसी