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नई सरकार की सोच के साथ करना होगा काम

locationभोपालPublished: Mar 06, 2019 01:48:21 am

Submitted by:

Bharat pandey

पुरानी योजनाओं के लिए होगा सर्वे: मुख्यमंत्री ने जिला एवं जनपद सीईओ को दी समझाइश

CM news

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भोपाल। पंचायत सचिव व जनपद सीईओ संगठन द्वारा हर्षवर्धन नगर पार्क में आयोजित सम्मेलन में मंगलवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मप्र में 15 साल से एक ही व्यवस्था चली आ रही थी। बहुत से अफसर हैं जिन्होंने सिर्फ 15 साल की ही व्यवस्था देखी है। जो आईएएस बने उन्होंने भी 15 साल की ही व्यवस्था देखी है, अब उन्हें कहता हूं कि अपनी सोच में परिवर्तन करना होगा। मैं उन्हें कहता हूं कि अपनी सोच में परिवर्तन लाना पड़ेगा, तब ही हम मप्र का नया नक्शा बना सकते हैं। सम्मेलन में कमलनाथ ने जन संपर्क मंत्री पीसी शर्मा को भी दो टूक कहा कि पीसी सुन लो यह बात… कि मप्र शहरों में नहीं बसा है। भोपाल या इंदौर में नहीं बसा है। हमारा मप्र गांवों में बसा है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था भी गांव से जुड़ी है। जब तक हम इसे विकसित नहीं करेंगे, तब तक प्रदेश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत नहीं हो सकती है।

अच्छी योजना का डिलीवरी सिस्टम खराब तो योजना खत्म
नाथ ने पंचायत सचिवों को कहा कि हमें एक नई सोच का परिचय देना होगा। गांव ही प्रदेश के विकास के संकेतक हैं। उन्होंने कहा कि पंचायत सचिवों का सबसे तगड़ा जन संपर्क है। योजनाएं मुख्यालयों, कमरों व मंत्रालयों में बन जाती हैं, लेकिन क्रियान्वयन तो आपके हाथों में है। अच्छी योजना हो और उसका डिलीवरी सिस्टम खराब हो तो योजना का असर नहीं पडऩे वाला है। डिलीवरी सिस्टम के मुखिया तो आप हो। अच्छी योजना, डिलीवरी सिस्टम खराब तो योजना खत्म। कमलनाथ ने यह भी कहा कि पंचायत सचिवों व जनपद सीईओ के साथ कभी अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। न्याय पाने के लिए आपको कभी काले कपड़े नहीं पहनने पड़ेंगे।

मैं न तो टाइगर और न मामा
पंचायतगणों को संबोधित करते हुए कमल नाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मैं आप लोगों को कह दूं कि मैं न तो टाइगर हूं और न कोई मामा हूं। अभी कांग्रेस की सरकार बनें 70 दिन हुए हैं। इन दिनों में लोगों की आशाएं है, आपकी भी आशाएं हैं। हमारा पूरा प्रयास रहा कि हम अपनी नीति और नीयत साफ रखें। उन्होंने कहा कि हमारे सामने बड़ी चुनौतियां भी है। हमें 15 साल वाली सरकार ने कैसा प्रशासन दिया, ऐसा मप्र सौंपा कि किसानों की आत्महत्या, बेरोजगारी आदि में हम नंबर-1, क्या क्या गिनाऊं मैं। तिजोरी भी खाली दी। ये चुनौतियां हैं हमारे सामने, इसे हमने स्वीकार किया और 70 दिनों की सरकार में आपकी आकांक्षाओं के अनुरुप काम करना शुरु कर दिया।

 

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