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मुख्यमंत्री ने अफसरों से कहा- डेडलाइन नहीं तो ये प्रेजेंटेशन कविता जैसा

locationभोपालPublished: Feb 19, 2020 01:09:04 am

Submitted by:

anil chaudhary

– वैकल्पिक वित्तीय प्रबंधन कार्यशाला : मुख्यमंत्री ने अफसरों से किए सवाल, सख्त लहजे में चेताया भी

cm kamalnath

Jabalpur. Cabinet meeting in the city is to complete one year. Chief Minister Kamal Nath made 14 important announcements on 16 February 2019

भोपाल. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को वैकल्पिक ( financial management workshop ) वित्तीय प्रबंधन कार्यशाला में अफसरों की जमकर खिंचाई की। उन्होंने अफसरों के हर ( presentation ) प्रेजेंटेशन पर सवाल पूछे। शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे ने राजस्व बढ़ाने के लिए कहा कि सड़कों पर वाहन खड़े करने का टैक्स वसूलेंगे, तो सीएम नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि ये बेकार की बात है। एक घर में यदि पति-पत्नी और बच्चे की तीन गाडिय़ां हैं, तो क्या तीनों से सड़क पर गाड़ी रखने का टैक्स लोगे। ये तो पुलिसिंग है। आपका काम सेवा देना है। दूसरे तरीके नहीं हैं? मुख्यमंत्री ने सभी प्रेजेंटेशन को लेकर कहा कि जब तक इन्हें पूरा करने की डेडलाइन नहीं बताओगे तब तक यह कविता के समान है।

– कृषि कर्मण अवार्ड तो सिंचाई का
सीएम ने कृषि व सिंचाई के प्रेजेंटेशन के समय कृषि पीएस अजीत केसरी से कहा कि आपके विभाग को कई कृषि कर्मण अवार्ड मिले, लेकिन काम सिंचाई विभाग ने किया। सिंचाई क्षमता बढ़ी, तो उत्पादन बढ़ा। आपने कृषि में क्या सुधार किया ये बताओ? मंडी का निजीकरण करने का कभी सोचा क्या? मंडियों की हालत खराब है। मैं एक मंडी में गया, तो वहां किसान से पूछा कि क्या कर रहे हो? उसने कहा कि यहां तीन दिन से यहां हूं, लेकिन काम नहीं हुआ। इस कार्य संस्कृति में बदलाव लाओ। खेती को निवेश के नजरिए से अपनाने की जरूरत है।

– ग्रीन बांड जैसे शब्द बोलने में अच्छे
सीएम ने ( infrastructure ) इंफ्रा के प्रेजेंटेशन में कहा कि शहरी क्षेत्र को राजस्व वाले और गैर-राजस्व वाले क्षेत्र में बांटने की जरूरत है। यह ऐसा क्षेत्र है, जहां सेवा भी देना है। पीएस संजय दुबे ने बताया कि राजस्व बढ़ाने के प्रयास कर रहे हैं। ( green bond ) ग्रीन बांड की बात कही, तो सीएम ने कहा कि ये शब्द बोलने में अच्छे लगते हैं, लेकिन उपयोगी नहीं होते। यहीं पर पूछ लो कितने लोग ग्रीन बांड में निवेश करेंगे। इसके बाद सीएम ने कहा कि स्मार्ट सिटी पर बात करना फैशन हो गया है। स्मार्ट इंडस्ट्रीयल एरिया की बात क्यों नहीं करते? सीएम ने कहा कि जब तक टाइमलाइन फिक्स नहीं होती, ये बातें पूरी नहीं होना है। यदि वास्तव में काम करना है और बदलाव लाना है, तो यह एटीट्यूट बदलो।

– सीएस बोले- ये ठीक नहीं कि एसीएस को बोलूं
सोशल सेक्टर पर सत्र के दौरान मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने कहा कि बैंकों को सोशल सेक्टर में भी काम करना चाहिए। इस पर बैंकों के प्रतिनिधियों ने कहा कि सोशल सेक्टर में रिस्क कवर कौन करेगा, सरकार को इक्यूटी और बांड से पैसा लाना चाहिए। इस पर मोहंती ने कहा कि यह तो ठीक नहीं कि मैं अपने वित्त एसीएस से कहूं कि एक हजार करोड़ रुपए बांड से लाकर दो। सरकार ये नहीं कर सकती। सरकारें जनता पर चार्ज (टैक्स या शुल्क) लगाने से डरती है, लेकिन यदि जनता को सुविधा मिले तो जनता चार्ज देने से घबराती नहीं है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण रोगी कल्याण समिति है। यह सफल मॉडल है। इसे एक अधिकारी ने खत्म करने तक की कोशिश की है। झाबुआ का एक उदाहरण देकर सीएस ने कहा कि इसके कोष को कोई स्थानीय स्तर पर इस्तेमाल करने के अधिकार चाहे, तो इसे भी इस तरह नहीं देखना चाहिए कि वह हमारे आदेश को चैलेंज कर रहा है।

 

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