जानकारी के अनुसार बाल आयोग के सदस्य बृजेश चौहान के नेतृत्व में एक टीम सुबह कार्मल कान्वेंट स्कूल पहुंची। यहां कुछ परिजनों ने शिकायत की थी कि स्कूल प्रबंधन एनसीईआरटी की किताबों के साथ ही उसी विषय की निजी प्रकाशकों की किताबें भी खरीदवा रहा है। इसके बच्चों को एक सब्जेक्ट की अलग-अलग किताबें पढऩी पड़ रही हैं। सबसे पहले टीम जब विद्यालय पहुंची और कक्षा में बच्चों से बातचीत करने की कोशिश की तो प्राचार्य सिस्टर पवित्रा कक्षा में आकर खड़ी हो गईं। इस पर बाल आयोग ने उन्हें कक्षा से जाने के लिए कहा ताकि बच्चे बिना किसी दबाव से प्रश्नों का जवाब दे सकें और अपनी समस्याएं बता सकें। इस टीम में महिला सदस्य भी थीं, इसको लेकर प्राचार्य और टीम के बीच गहमागहमी भी हुई। बमुश्किल प्राचार्य वहां से गईं।
प्राचार्य के जाते ही शिकायतों का अंबार
प्राचार्य के कक्षा से जाते ही बच्चों ने एक-एक कर शिकायतें बतानी शुरू कर दी। कुछ बच्चों ने बताया कि उनकी गाडिय़ों में हेल्पर ही नहीं जाते। जबकि कुछ बच्चों ने शौचालयों में गंदगी की समस्या बताई। विद्यालय की शिक्षिका ट्रेसी अम्मा पर अभद्र व्यवहार करने व तू-तड़ाक से बातचीत करने की शिकायत भी बच्चों ने की।
सीबीएसई और कलेक्टर गाइड लाइन दोनों का उल्लंघन
बाल आयोग के सदस्य बृजेश चौहान के अनुसार विद्यालय प्रबंधन सीबीएसई और स्कूल शिक्षा विभाग दोनों की गाइडलाइन का उल्लंघन कर रहा है। इसकी शिकायत कलेक्टर और सीबीएसई से की जाएगी।