मामला शाहजहांनाबाद थाना क्षेत्र का है। यहां गुफा मंद्र के पास खाली मैदान में रहने वाले राकेश ढोढ़ीयार मजदूरी करते हैं। रात में जब सभी अपने परिवार के साथ मौजूद थे। तभी दो युवक मोटरसाइकिल पर वहां पहुंचे और ढोढ़ीयार के 9 माह के बेटे शिवा को जन्माष्टमी के मौके पर कान्हा बनाने का कहने लगे। दोनों युवकों ने कहा कि वे 15 मिनट बाद ही वापस छोड़ जाएंगे। इस पर घर-परिवार के लोगों ने खुशी-खुशी शिवा को उनके हाथों में सौंप दिया।
तो बच्चे का कर लिया अपहरण
राजधानी में ऐसा मामला पहली बार आया है, जब किसी ने जन्माष्टमी के मौके पर बच्चों को कन्हैया बनाने का कहकर अपहरण कर ले गया हो। बच्चे के वापस आने का घर वाले इंतजार करते रहे। लेकिन, जब नहीं आया तो घर वालों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। बुधवार सुबह ढोढ़ीयार परिवार ने शाहजहांनाबाद थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर लिया है।
अब तक नहीं मिला सुराग
हालांकि देर रात को जब पुलिस को पता चला तो वो सक्रिय हो गई थी, पुलिस ने भी काफी ढूंढने का प्रयास किया, लेकिन अब तक बच्चे का कोई सुराग नहीं निकला है। पुलिस ने रातभर में कई सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले लेकिन बदमाशों का अब तक पता नहीं चल सका है। परिजनों ने पुलिस को बताया कि दोनों बाइक सवार काले कपड़े और केप पहने हुए थे।
अब तक 411 नाबालिगों के अपहरण
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में नाबालिगों के अपहरण के मामले बढ़े हैं। एक जनवरी 2016 से मार्च 2018 के बीच 1 हजार 860 बाल अपराध के मामले दर्ज हुए हैं। इनमें से 411 नाबालिगों के अपहरण के मामले हैं, तो 164 मामले दुष्कर्म के हैं। इसके अलावा 283 अन्य बाल अपराध हुए। पांच माह पहले प्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के सवाल के जवाब में विधानसभा में यह जानकारी दी थी।
जवाब में यह भी कहा
-मध्यप्रदेश में साल 2017 में 8 हजार 722 बच्चों की बरामदगी की गई। इसमें भोपाल के 489 बच्चे शामिल हैं। ऑपरेशन मुस्कान के अंतर्गत जुलाई माह में पूरे प्रदेश में विशेष अभियान चलाया गया था, जिसमें 5 हजार 698 उन बच्चों को खोजा गया, जो घर से बाहर धार्मिक स्थल, रेलवे प्लेटफॉर्म, बस स्टैंड, सड़कों और अन्य स्थानों पर अकेले मिले।
-भोपाल में सबसे ज्यादा 2 हजार 243 बच्चों को खोजा गया।
-2 हजार 761 बच्चे भीख मांगते मिले थे।
-2 हजार 133 बच्चों को उनके परिजनों तक पहुंचा दिया गया। बाकी बच्चों को बाल गृहों में रखा गया।
-जबकि भोपाल में 135 बच्चे भीख मांगते मिले थे।