कोरोना ड्यूटी के बाद सीखती थी नृत्य
डॉ. प्रज्ञा राव ने बताया कि मुझे शास्त्रीय नृत्य से बचपन से ही लगाव था लेकिन पढ़ाई से समय ना मिलने से ये कला सीख नहीं पा रही थी। लॉकडाउन के दौरान मुझे अपने सपने को एक्सप्लोर करने का मौका मिला। मुझे लगा कि ट्रेनिंग का यही सही समय है। मैं कोविड ड्यूटी करती थी, इसके बाद समय निकालकर नृत्य की वर्चुअल ट्रेनिंग लेती। इससे स्ट्रेस दूर करने के साथ ही मैं खुद को मोटिवेट भी कर पाती हूं। मैं ऑनलाइन परफॉर्म भी कर चुकी हूं। वहीं, आयुषी वासवानी ने बताया कि मैं पुणे में बतौर सॉफ्टवेयर डेवलपर जॉब करती हूं। मुझे शास्त्रीय नृत्य सीखने की हमेशा से इच्छा थी। वर्क फ्रॉम होम कर रही हूं तो लगा कि पैशन को पूरा करने की यही बेस्ट अपॉच्यूनिटी है। मैं शिफ्ट के बाद या शिफ्ट के दौरान मिले ब्रेक में क्लास अटैंड करती हूं। जब भी फ्री होती है रियाज करती हूं। यदि ऑफिस चालू होते तो दिनभर की शिफ्ट के बाद क्लास नहीं कर पाती।
ऑनलाइन परफॉर्मेंस भी दे रहे हैं
नृत्य गुरु डॉ. मंजूमणी हथवलने ने बताया कि ऐसे कई प्रोफेशनल और स्टूडेंट्स हैं जो दिल्ली, मुंबई, पूणे जैसे बड़े शहरों में रहते हैं। वे जॉब के बाद किसी क्लास में ट्रेनिंग के लिए नहीं जा सकते थे। यूके, यूएस और दुबई में रहने वाले स्टूडेंट्स भी अपने पैशन को पूरा कर रहे हैं। वे ऑफिस, स्कूल और पैरेन्ट्स के ऑफिस गेंदरिंग में परफॉर्मेंस भी दे रहे हैं।